जीवन कौशल (Life Skill) Hindi Notes

 जीवन कौशल- 

                         जीवन कौशल की परिभाषा अलग-अलग संस्थानों दी है जो कुछ इस प्रकार हैं- 

1. विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O)

                                        जीवन कौशल अनुकूलित या सकारात्मक व्यवहार कि वह क्षमताएं हैं, जो एक व्यक्ति को अपने जीवन की मांगों को स्वयं चुनौतियों से निपटने में सहायता करती हैं।

2. यूनीसेफ (UNISEF) 

                                  जीवन कौशल वह क्रिया है जिसके द्वारा एक व्यक्ति व्यवहार परिवर्तन या व्यवहार आत्मक विकास के द्वारा अपने जीवन के तीन क्षेत्रों- ज्ञान, अभिवृत्ति एवं कौशलों में संतुलन स्थापित करता है।

* डब्ल्यूएचओ ने जीवन कौशल के 10 प्रकार बताए हैं जो निम्नलिखित हैं-

1. समानुभूति (Empathy) - 

                                          खुद को दूसरों की जगह रखकर यह सोचना कि अगर आप उसकी जगह होते तो क्या करते हैं।


2. समस्या समाधान

  • समस्या की पूरी जानकारी
  • समस्या से जुड़े आंकड़े
  • संभावित समाधान
  • किसी एक समाधान या विकल्प का परीक्षण
  • प्राप्त परिणाम की व्याख्या
  • निष्कर्ष निकालना

3. निर्णय लेना

  • निर्णय लेने के लिए मौजूद संसाधन
  • निर्णय लेने के लिए मौजूद विकल्प
  • निर्णय से प्रभावित होने वाले लोग
  • निर्णय से होने वाला संभावित फायदा या नुकसान
4. समालोचनात्मक सोच

  • गुण व दोष दोनों पर विचार रखना
  • अपनी निष्पक्ष सोच रखना
  • निर्णय आज के दौरान केवल निजी राय को वरीयता न देना
  • अत्यधिक ज्यादा भावुक ना होना
  • समदर्शी या खुले विचारों वाला होना

5. रचनात्मक सोच

  • किसी नए विचार का प्रतिपादन
  • किसी नई वस्तु का आविष्कार
  • किसी कार्य को करने का तरीका ढूंढना
  • किसी नवाचार को बढ़ाना
  • रूढ़िवादी विचार को तोड़कर कुछ अलग करना

6. तनाव का प्रबंधन

  • नियमित व्यायाम करें
  • सकारात्मक सोच रखें
  • खुशी और संतुष्ट रहें
  • समायोजन करें
  • जीवन में लक्ष्य महत्वाकांक्षी या जिद में अंतर समझे
7. भावुकता पर नियंत्रण (emotional balance)

  • अत्यंत क्रोध याद आया दोनों ही अच्छे नहीं हैं
  • जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय में भावुकता का परिचय न दें बल्कि वास्तविकता को वरीयता दें
  • बिजनेस परिवार या रिश्तो में भावुकता को चरम पर न ले जाएं।
8. सुबह जागरूकता

  • खुद को पहचानना (understanding yourself)
  • अपनी जिम्मेदारी को समझना
  • अपनी मजबूत एवं कमजोर पक्ष दोनों को जानना
  • अपनी पारिवारिक सामाजिक व्यवसायिक भूमिका का भली-भांति निर्वहन करना

9. संबंधों का प्रबंधन (relationship management)

  • रिश्तो को पैसे से ना तुलना करना
  • रिश्तो को हानि ना हो
  • रिश्तो को वरीयता दें
  • सामाजिक पारिवारिक मानसिक सभी प्रकार के रिश्तो में संतुलन बनाएं।

10. उचित संप्रेषण

  • सही व्यक्ति का चयन
  • सही माध्यम का चयन
  • सही भाषा का चयन
  • सामने वाले व्यक्ति की मानसिक एवं सांस्कृतिक जानकारी

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