भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के प्रमुख बिंदु

 भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के प्रमुख बिंदु

 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का विवरण प्रदान करने वाला आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया।




·          आर्थिक सर्वेक्षण का मूलभूत थीम ‘सेविंग लाइव्स एंड लाइवलीहुड' है

भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?

·         भारत का आर्थिक सर्वेक्षण प्रति वर्ष भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी किया जाता है यह एक वार्षिक दस्तावेज है।




·         इसमें भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए सभी आधिकारिक और अद्यतन डाटा स्रोतों को शामिल किया जाता है।

·         सरकार द्वारा पिछले 1 वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रस्तुत एक रिपोर्ट है जो कि अर्थव्यवस्था की प्रमुख चुनौतियां और उनके संभावित समाधान ओं को प्रस्तुत करती है।



·         यह दस्तावेज मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में आर्थिक मामलों के विभाग के वाणिज्य विभाग द्वारा तैयार किया जाता है

·         यह आमतौर पर संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने से 1 दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है।

·         भारत में पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था, वर्ष 1964 तक इसे केंद्रीय बजट के साथ प्रस्तुत किया गया था वर्ष 1964 से इसे बजट से अलग कर दिया गया।



Covid-19 के बाद से आर्थिक पुनर्बहाली की ओर

·         जुलाई 2020 से भारत लचीले ‘V-shaped’ आर्थिक सुधारों को अपना रहा है।

·         ‘V-Shaped’ Recovery एक तरह की आर्थिक मंदी और पुनर्बहाली प्रक्रिया है, जो चार्ट के “V” आकार जैसी दिखती है।

·         V-shaped Recovery आर्थिक उपायों के एक विशेष प्रकार के चार्ट के आकार का प्रतिनिधित्व करती है जिसे अर्थशास्त्री मंदी और आर्थिक सुधारों की जांच करते समय बनाते हैं।

·         V-shaped Recovery को तीव्र आर्थिक गिरावट के बाद आर्थिक स्थिति में त्वरित और निरंतर पुनर बहाली के लिए प्रयोग में लाया जाता है।




कारण:

·         यह सेवा क्षेत्र में मजबूत हुए सुधारों एवं उपभोग और निवेश में वृद्धि की संभावनाओं के साथ विशाल टीकाकरण अभियान की शुरुआत से प्रेरित है।

·         V-Shaped रिकवरी उच्च आवृत्ति संकेतक जैसे बिजली की मांग, रेल किराया, ई वे बिल, जीएसटी संग्रह, स्टील की खपत आदि के पुनरुत्थान के कारण होती है।

·         अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत बने हुए हैं क्योंकि लॉकडाउन में कमी के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान में अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ पुनर्जीवित किया है।

इस गति से अर्थव्यवस्था को पूर्व-महामारी स्तर तक पहुंचने में 2 वर्ष लगेंगे।



 

विदेशी निवेश

·         अप्रैल से अक्टूबर 2020 के दौरान 27.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया जो कि वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 7 महीने की तुलना में 14.8% अधिक है।

·         नवंबर 2020 में कुल विदेशी पोर्टफोलियो निवेश प्रवाह 9.8 बिलियन डॉलर रहा, जो कि किसी महीने में सर्वाधिक है।






सेवा क्षेत्र-

·         भारत में सकल मूल्य वर्धित के 54% से अधिक तथा कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश एफडीआई का लगभग 4/5 हिस्सा सेवा क्षेत्र से ही आता है।

·         कुल निर्यात में सेवा क्षेत्र का 48% हिस्सा है





कृषि क्षेत्र

·         भारत की अर्थव्यवस्था में हमेशा से ही कृषि की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है कोविड-19 में भारत की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान को कम करने में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रह सकती है।



निर्यात

·         भारत के वर्ष 2019-20 में कृषि के मुख्यतः उत्पादों के प्रमुख निर्यात अमेरिका सऊदी अरब ईरान नेपाल और बांग्लादेश थे।





भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग बनाम बुनियादी आर्थिक ढांचा

1.    भारत की स्थिति

·         अब तक कोई सावरेन डिफॉल्ट नहीं

·         विदेशी मुद्रा कर्ज का स्तर अत्यंत कम रहा है

·         देश में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है



2.    आर्थिक समीक्षा में की गई अनुशंसा

·         भारत की राजकोषीय नीति को सदैव देश में बुनियादी आर्थिक ढांचे के अनुरूप ही नहीं होना चाहिए।

 

स्वास्थ्य सेवाओं पर बल

·         महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतरीन होनी जरूरी।

·         राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को जारी रखने पर जोर।

·         सार्वजनिक स्वास्थ्य खर्च को सकल घरेलू उत्पाद में 1% से बढ़ाकर 2.5 से 3% करने से कुल व्यक्तिगत स्वास्थ्य खर्च 65% से घटकर 35% के स्तर पर आ सकता है।

·         सूचना संबंधी विसंगति में कमी होने से बीमा प्रीमियम में कमी एवं बेहतर पॉलिसिया उपलब्ध कराना संभव है और इसके साथ ही बीमा की पैठ में वृद्धि करने में भी मदद मिलेगी।

·         स्वास्थ्य सेक्टर में नियामक बनाने पर आवश्यक विचार किया जाना चाहिए।

·         टेली-मेडिसिन का पूर्ण उपयोग करने की जरूरत।

 

प्रधानमंत्री आरोग्य योजना को जिन राज्यों में लागू किया गया था उन राज्यों में स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हुआ है यह भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य सबसे कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराना है।

 

 

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