स्थल मंडल (Lithosphere)
पृथ्वी की सतह पर मौजूद त्रिआयामी स्वरूप वाली आकृतियां स्थलाकृतियां कहलाती है।
ये तीन प्रकार की होती है।
- प्राथमिक
- द्वितीयक
- तृतीयक
1. प्राथमिकपृथ्वी की सतह पर उत्पन्न सबसे पहली स्थलाकृति प्राथमिक स्थलाकृति कहलाती है। जो आंतरिक बल का परिणाम है। उदाहरण- महाद्वीप , द्रोणी
2. द्वितीयक स्थलाकृतियां
वह स्थलाकृतियां जो प्राथमिक के उपरांत तथा उसके ऊपर उत्पन्न हुई है द्वितीयक स्थलाकृतियां कहलाती है। जो आंतरिक एवं बाह्य दोनों बलों का परिणाम है।
3. तृतीयक स्थलाकृतियां
वह स्थलाकृतियां जो प्राथमिक एवं द्वितीयक के उपरांत एवं उसके ऊपर व बाद में बनी है उसे तृतीयक स्थलाकृतियां कहते हैं। तृतीयक स्थलाकृतियां वाह्य बल का परिणाम है। उदाहरण- जलोद पंख, शंकु, नदियां, डेल्टा
इन तीनों स्थल आकृतियों को संयुक्त रूप से भू-दृश्य कहते हैं।
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