छात्रों की व्यक्तिगत वेदों को ध्यान में रखते हुए संप्रेषण को निम्नलिखित प्रयासों से उपयोगी बनाया जा सकता है-
1. कक्षा में छात्रों की संख्या कम रखने से शिक्षक बालकों के व्यक्तिगत वेदों पर ध्यान दे सकता है।
2. शिक्षकों की संख्या विद्यालयों में बढ़ाई जाए ताकि शिक्षक और छात्र का अनुपात निकट आ सके।
3. छात्रों की रुचि हो और आवश्यकताओं को पूरी तरह से ध्यान में रखकर शिक्षा दी जाए।
4. समय-समय पर छात्रों का बुद्धि परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि बुद्धि परीक्षण के आधार पर उनका वर्गीकरण कर दिया जाए।
5. कक्षाओं का निर्माण करते समय छात्रों के भेदों का ध्यान में रखकर उनकी रूचि योग्यता और मानसिकता क्षमता के आधार पर वर्गीकरण किया जा सकता है।
6. शिक्षकों का कार्यभार कम किया जाए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें