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EMRS: Admit Card हुआ जारी, ऐसे देखें।

EMRS Admit Card 2025 जारी: 13 दिसंबर को होने वाली परीक्षा के लिए डाउनलोड लिंक सक्रिय नई दिल्ली, 11 दिसंबर 2025: Eklavya Model Residential School (EMRS) ने आखिरकार 13 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए Admit Card Download Link जारी कर दिया है। जिन अभ्यर्थियों ने TGT, PGT, Hostel Warden, Accountant, Lab Attendant तथा अन्य पदों के लिए आवेदन किया था, वे अब आधिकारिक वेबसाइट से अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। यह प्रवेश पत्र परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए अनिवार्य है, इसलिए सभी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे इसे जल्द से जल्द डाउनलोड कर सुरक्षित रखें। EMRS Admit Card 2025 कैसे डाउनलोड करें? (Step-by-Step Guide) EMRS की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं होमपेज पर “Admit Card 2025 Download” लिंक पर क्लिक करें अपनी लॉगिन डिटेल— Registration Number Password / Date of Birth दर्ज करें Admit Card स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा इसे डाउनलोड कर प्रिंट निकालें Admit Card में क्या-क्या जांचें? ✔ आपका नाम, फोटो और हस्ताक्षर ✔ आवेदन किए गए पद का नाम ✔ परीक्...

वर्षा के प्रकार

1. संवहनीय वर्षा

2. पर्वतीय वर्षा

3. वाताग्रीय वर्षा या चक्रवाती वर्षा


              मेघों काजल सीकर के रूप में पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण नीचे सतह पर गिरना तथा वायुमंडलीय घर्षण के कारण भूतों के रूप में जल कणों का आना वर्षा कहलाता है।


1. संवहनीय वर्षा

                         तीव्र ऊष्मा के कारण समुद्र की सतह पर से तीव्र संवहनीय धाराएं अत्यधिक मात्रा में आद्रता लेकर निस्तर पर उठती हैं तथा संघीय होकर कपासी एवं कपासी वर्षी मेघों का निर्माण करती हैं तथा त्वरित झंझा के साथ मूसलाधार वर्षा करती हैं यह सामान्यतः विसुवतीय क्षेत्रों में महासागरों के ऊपर चक्रवाती है तथा बादल के फटने जैसी स्थिति होती है परंतु ग्रीष्म ऋतु में यह वर्षा उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में होती है।


2. पर्वतीय वर्षा

                     महासागरों के ऊपर से आर्द्रता युक्त पवन पर्वतों के सहारे यांत्रिकी रूप से ऊपर उठती है तथा संघीय होकर कपासी एवं कपासी वर्षक मेघों का निर्माण कर पलना विमुखी ढालों पर मूसलाधार वर्षा तड़ित झंझा के साथ करती हैं परंतु पवन पवनाविमुखी दालों पर हवाओं के ठंडे होकर बैठने के कारण न्यून वर्षा होती है इस प्रकार की वर्षा उत्तरी अमेरिका के रॉकीज तथा दक्षिणी अमेरिका के एंडीज पर्वतों के पवना विमुखी ढाल ऊपर होती है। साथ ही साथ भारत के पश्चिमी घाटों के पश्चिमी भागों में होती है वैसे भारत में इस प्रकार की वर्षा का ही प्रभुत्व है।


3. वाताग्रीय वर्षा या चक्रवाती वर्षा

                             मध्य अक्षांश क्षेत्रों में 60° और 65° पे विरोधाभासी पवनों का अभिसरण होता है परंतु यहां मिश्रण नहीं करती। अतः यह निम्न दाब का क्षेत्र निर्गत होता है जो चक्रवाती स्थिति उत्पन्न करता है इस दौरान उसने हवाएं ठंडी हवाओं के ऊपर उठती हैं तथा संघ अन्य होकर कपासी मेघों का निर्माण करते हुए मध्य अक्षांश क्षेत्रों में भारी वर्षा करती हैं।

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