अभिप्रेरणा (Motivation)

 अभिप्रेरणा (Motivation)

उद्भव- 

अभिप्रेरणा शब्द अंग्रेजी भाषा के मोटिवेशन शब्द का हिंदी रूपांतरण है, जो लैटिन भाषा के (Motem) मोटम शब्द से निकला है जिसका अर्थ है चलाय मान करना या गतिशील करना।

परिभाषाएं-

गुउ- 

             किसी कार्य को आरंभ करना, जारी रखना और नियमित बना देना अभिप्रेरणा है।

थॉमसन- 

             अभिप्रेरणा छात्र में रुचि उत्पन्न करने की कला है।

विलियम - 

             अभिप्रेरणा की व्याख्या मूल प्रवृत्तियों के रूप में की जा सकती है।

अभिप्रेरणा के तत्व-

                                 क्लार्क हल ने अभिप्रेरणा के चार तत्व बताएं हैं।

       i.            आवश्यकता - भोजन

     ii.            चालक /प्रणोद /अंतर्वेदी- भूख

  iii.            प्रोत्साहन या उत्तेजक- भोजन की प्राप्ति

   iv.            सबलीकरण- भोजन पाना आसान बनाना


अभिप्रेरणा के सिद्धांत (Principles of motivation)

1. हार्लो का आंतरिक प्रेरणा का सिद्धांत-

    प्रयोग- बंदरों पर

   निष्कर्ष-

भले ही शुरुआत में कोई व्यक्ति लालच या पुरस्कार से काम करता हो लेकिन एक दिन खुद से या आंतरिक रूप से प्रेरित होकर काम करना ही उसकी आदत बन जाती है।


2. हर्जबर्ग का द्विकारक सिद्धांत-

             अभिप्रेरणा

सवर्धक /स्वास्थ्य पद कारक।                                                       प्रेरकीय कारक।

पैसा संपत्ति वेतन।                                                              पहचान, निर्णय में भागीदारी

निष्कर्ष- पैसा हमें चिंता मुक्त बनाता है, पर प्रेरित नहीं करता है पहचान प्रेरित करती है।


नोट- हर्जबर्ग ने यह सिद्धांत अमेरिका की 200 इंजीनियर्स का अध्ययन करके दिया।

3. सिंगमड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत-

         अभिप्रेरणा

जीवन मूल इच्छा।                                                                      मृत्यु मूल इच्छा

इरोस (Eros)।                                                                           थनाटोस (Thanatos)

सफलता।                                                                                असफलता


  • सफलता जीवन की ओर तथा असफलता कुंठा से भरपूर मृत प्राणी के समान बना देती है।

4. वोल्स एवं काफमैन का प्रोत्साहन सिद्धांत-

                   अभिप्रेरणा
सकारात्मक प्रोत्साहन                                                                 नकारात्मक प्रोत्साहन
पुरस्कार, प्रशंसा।                                                                             दंड, निंदा

  • प्रशंसा या पुरस्कार वांछनीय व्यवहार को मजबूत बनाते हुए हमें लक्ष्य की ओर ले जाते हैं जबकि दंड या निंदा नकारात्मक पुनर्बलन बन के अवांछनीय व्यवहार को खत्म करते हैं।

5. डगलस मैकग्रेगर का x/y या क/ख/अ/ब सिद्धांत-


  x/क/अ   पछ।                                                                        y/ख/ब
नकारात्मक/ तानाशाही                                              सकारात्मक बाल केंद्रित शिक्षा
शिक्षक केंद्रित शिक्षा।                                                    सभी बच्चे सीखने के लिए     बच्चा आलसी है,                                                              उत्सुक होते हैं सिर्फ               दंड जरूरी है।                                                                  मार्गदर्शन चाहिए।

नोट- यह सिद्धांत अभिप्रेरणा के सकारात्मक एवं नकारात्मक या शिक्षक केंद्रित एवं बाल केंद्रित दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है।

6.मैक लीलैंड का‌ श्री मार्ग या आवश्यकता संप्राप्ति का सिद्धांत-

मैक लीलैंड ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य तीन प्रकार की मांगों या प्रेरकों से प्रेरित होता है यह या तो इन तीनों में से किसी एक से प्रेरित होगा या एक साथ तीनों से प्रेरित होगा।

       i.            संप्राप्ति मांग- धन पैसा जमीन

     ii.            सत्ता मांग- राजनेता

  iii.            संबंध- रिश्तो की मांग या महत्व


7. मैस्लो का पदानुक्रमित मांग का सिद्धांत-

  1. अब्राहम मैस्लो अमेरिका के निवासी थे इन्हें मानवतावादी आंदोलन के जनक के रूप में माना जाता है।
  2. उनका अभिप्रेरणा का सिद्धांत मानवतावादी इसलिए कहलाता है कि वह फ्रायडा के अचेतन के सिद्धांत के घोर विरोधी थे।
  3. उन्होंने कहा कि सभी मनुष्य प्रकृति से अच्छे होते हैं तथा अपनी सफलता के लिए कठोर परिश्रम करते हैं।
  4. इनकी निम्न पुस्तके है- theory of human motivation, motivation and personality, power of self actualization

मैस्लो का सिद्धांत (तर्क)-

सिद्धांत के नाम-
    • पदानुक्रमित आवश्यकता का सिद्धांत
    • मांग एवं आपूर्ति का सिद्धांत
    • नाभिकीय मांग का सिद्धांत
    • मानवतावादी सिद्धांत
    • आत्मसिद्धि करण/ स्वयथार्थीकरण का सिद्धांत
मैस्लो का त्रिभुज



8. विक्टर व्रूम का प्रत्याशा सिद्धांत-

    1. विक्टर रूम का यह सिद्धांत 1964 में आया तथा यह उम्मीद के अनुसार परिणाम आने पर ही व्यक्ति प्रेरित होगा इसकी बात करता है इसलिए इसे प्रत्याशा या एक्सपेंडेंसी का सिद्धांत कहते हैं।

कर्षण (Balance) - क्या मैं लक्ष्य के लिए प्रयास की क्षमता रखता हूं?

प्रत्याशा- क्या मेरे प्रयास लक्ष्य तक जा पाएगा?

यांत्रिकता/ निमिता- मुझे इस लक्ष्य को पाने से क्या फायदा होगा?

नोट- किसी व्यक्ति का प्रेरित होना या ना होना इस बात पर निर्भर करता है कि उसके प्रयास से प्राप्त किया गया लक्ष्य वांछनीय पुरस्कार देता है या नहीं।

9. हल सबलीकरण का सिद्धांत-

    1. क्लार्क लियोनार्डो हल एक अमेरिकी मनोवैज्ञानिक है जो अपने सबलीकरण सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं।
    2. हल के सिद्धांत को एक विश्व स्तरीय पहचान मिली है क्योंकि उनके सिद्धांत से ही अभिप्रेरणा के तत्व लिए गए हैं।
1. संतुलन- जब तक कोई आवश्यकता ना हो तब तक एक प्राणी संतुलित याद जड़त्व की अवस्था में रहता है।

2. आवश्यकता- आवश्यकता वह दशा है जो व्यक्ति में असंतुलन पैदा करती है (भोजन)

3. चालक/ प्रणोद- एक तनाव जो आवश्यकता से पैदा हुआ है और मनुष्य को दौड़ा देता है (भूख)

4. प्रोत्साहन- वह वस्तु जो आवश्यकता की संतुष्टि करता है (भोजन की प्राप्ति)

5. सबलीकरण- जिस व्यवहार से मनुष्य की आवश्यकता पूर्ति होती है वह उस व्यवहार को दोहराना चाहता है।

       i.            आवश्यकता- पानी

     ii.            प्रणोद/ चालक- प्यास

  iii.            प्रोत्साहन/ उत्तेजक- पानी की प्राप्ति

   iv.            सबलीकरण- पानी प्राप्त करने का तरीका दोहराना या बेहतर करना


नोट- अपने सिद्धांत के लिए हल ने 16 स्वयं सिद्ध प्रमेयों का प्रयोग किया।

हल सिद्धांत के कुछ नाम-


    1. आवश्यकता आकलन का सिद्धांत
    2. प्रणोद न्यूनता का सिद्धांत
    3. सम पोषण का सिद्धांत
    4. सबलीकरण का सिद्धांत
हल की पुस्तकें- 
          •  The principal of behaviour
          • The essential of behaviour

अभीप्रेरकों के प्रकार

मैस्लो 

थामसन

     गैरेट

 

जन्मजात- भूख, प्यास

अर्जित- पैसा, संपत्ति

 

प्राकृतिक- भूख, प्यास

कृत्रिम- पैसा, संपत्ति

जैविक- भूख, प्यास

मनोवैज्ञानिक- सफलता

सामाजिक- सम्मान, प्रतिष्ठा

 

 

 


10. एल्डर्फर का ERG का सिद्धांत-

यह सिद्धांत एल्डरफेर द्वारा दिया गया है तथा यह काफी हद तक मैस्लो के पदानुक्रम सिद्धांत पर आधारित है क्योंकि मैस्लो ने जिन मांगों को पांच प्रकार में रखा है उन्हीं मागों को एल्डरफेर ने तीन प्रकार में रखा है।

  • एल्डरफेर के अनुसार एक व्यक्ति तीन प्रकार की मांगों से प्रेरित हो सकता है।

अस्तित्ववादी मांग (Existance)-  रोटी कपड़ा मकान

संबंध की मांग (Relations) -  सम्मान एवं रिश्तो की मांग

वृद्धि एवं विकास की मांग (Growth) - स्व वकास और खुद के सर्वोच्च बिंदु को प्राप्त करना।


11. अभिप्रेरणा का शरीर रचना सिद्धांत-

 मोरगन एवं मोरे इस सिद्धांत के अनुसार अभिप्रेरणा का स्रोत बाहरी वातावरण में मौजूद उद्दीपक नहीं है बल्कि हमारी शरीर ही है उदाहरण के लिए अगर भूख एक प्रेरक है तो यह शरीर को महसूस होती है न कि उद्दीपक रूपी भोजन को।
                   ‌ मोरगन एवं मोर का मानना था कि हमारे शरीर में अभी वाही ग्रंथियां संदेश भेजती हैं जो हमारे इंद्रियों से पैदा होती हैं और प्रक्रिया होने के बाद इसका परिणाम अपवाही ग्रंथियों द्वारा भेजा जाता है।

बच्चे को कैसे प्रेरित करें-

        • प्रोत्साहन द्वारा
        • रुचि जानकर
        • पूर्व ज्ञान से जोड़कर
        • जिज्ञासा शांत करके
        • भ्रम दूर करके
        • तत्परता लाकर
        • जीवंत उदाहरणों द्वारा
        • उचित शिक्षण विधि द्वारा
        • कक्षा के प्रजातांत्रिक 
        • सही वातावरण के द्वारा

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