संधि: वर्णों के संयोजन और विकल्पन से संबंधित संधि के प्रकार और उनके उदाहरण
संधि व्याकरण में एक महत्वपूर्ण भाग है, जो वर्णों के संयोजन और विकल्पन से संबंधित होता है। संधि के माध्यम से भाषा के विभिन्न वाक्यांशों को मिलाकर नए शब्द या वाक्य बनाए जाते हैं। नीचे कुछ प्रमुख संधि प्रकार और उनके उदाहरण दिए गए हैं:
स्वर संधि:
- अद्यतन स्वर संधि: जब दो वर्णों के बीच एक स्वर आता है, तो वे स्वर विकल्पन के अनुसार मिलते हैं। उदाहरण: 'आने + वाला' = 'आनेवाला'।
व्यंजन संधि:
- वृद्धि व्यंजन संधि: जब दो व्यंजन आते हैं तो वे वृद्धि हो जाते हैं।
- उदाहरण: 'कल + आना' = 'कलाना'।
- यण्त्र व्यंजन संधि: जब दो व्यंजनों के बीच एक यण्त्र व्यंजन आता है, तो वे यण्त्र व्यंजन बन जाते हैं। उदाहरण: 'अंग + रक्षक' = 'अंगरक्षक'।
विसर्ग संधि:
- स्वर विसर्ग संधि: जब 'अ' वर्ण के बाद विसर्ग ('ह' या 'स') आता है, तो उसे 'आ' वर्ण में बदल दिया जाता है।
- उदाहरण: 'देव + हूं' = 'देवों'।
इकारण संधि:
- इकारण संधि दो विशेषणों के बीच होती है, जिसमें एक विशेषण के अंत में 'इ' आता है और दूसरे विशेषण के आदि में 'आ' आता है, तो वे मिलकर एक शब्द बनाते हैं।
- उदाहरण: 'महान + आत्मा' = 'महानात्मा'।
यथार्थानुसारण संधि:
- यथार्थानुसारण संधि वर्ण विच्छेद में होती है, जिसमें दो वर्णों के बीच 'ए' वर्ण आता है, तो उसे विच्छेद में रखा जाता है।
- उदाहरण: 'बड़े + ई + में' = 'बड़ेईमें'।
इन्हीं संधि प्रकारों के माध्यम से हम भाषा में शब्दों को समर्थन और संवेदनशीलता के साथ बना सकते हैं। वे वाक्यों को और भी संवर्धित बनाते हैं और भाषा को समृद्ध करते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें