कक्षा 10 की NCERT हिंदी (क्षितिज) पुस्तक के पाठ 1 - पद (सूरदास) का नोट्स नीचे दिया गया है:
पाठ 1: पद (सूरदास)
कवि परिचय:
सूरदास हिंदी साहित्य के भक्ति काल की सगुण धारा के कृष्ण भक्त कवि हैं। इनका जन्म 1478 ई. में हुआ था। इन्होंने अपनी रचनाओं में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और भक्ति भाव को सरल और सरस भाषा में प्रस्तुत किया।
• प्रमुख कृति: सूरसागर, साहित्य लहरी, सूरसारावली।
• भाषा: ब्रज भाषा।
• विशेषता: कृष्ण के बाल रूप का अद्भुत चित्रण।
पदों का सारांश:
पद 1:
• इस पद में सूरदास ने यशोदा और नटखट बालक श्रीकृष्ण के संवाद को दर्शाया है।
• श्रीकृष्ण ने माखन चुराने का आरोप न मानते हुए अपनी माँ यशोदा को मासूमियत से अपनी सफाई दी।
• उनकी मीठी बातें यशोदा के हृदय को मोह लेती हैं।
• बाल कृष्ण के भोलेपन और नटखट स्वभाव का सुंदर वर्णन किया गया है।
पद 2:
• इस पद में गोपियों के प्रति श्रीकृष्ण की चंचलता और उनकी बाल लीलाओं का वर्णन किया गया है।
• गोपियाँ यशोदा से शिकायत करती हैं कि कृष्ण माखन चुराते हैं और उनके साथ बालसुलभ शरारतें करते हैं।
• यशोदा इन शिकायतों को सुनते हुए मन ही मन अपने पुत्र के लीलामय रूप पर गर्व करती हैं।
• पद में कृष्ण की बाल लीलाओं का मोहक चित्रण किया गया है।
मुख्य भाव:
1. श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन।
2. वात्सल्य रस की प्रधानता।
3. भक्ति और प्रेम का मिश्रण।
4. माँ-बेटे के संवाद में कृष्ण का बाल सुलभ नटखट स्वभाव।
काव्य सौंदर्य:
1. रस: मुख्य रूप से वात्सल्य रस का प्रयोग।
2. अलंकार:
• अनुप्रास: नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की।
• उपमा: कृष्ण की भोली सूरत को चंद्रमा से उपमा देना।
3. भाषा: ब्रज भाषा, सरल और सुगम।
4. छंद: पद्य शैली में लेखन।
पाठ का शिक्षण उद्देश्य:
1. श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के माध्यम से भक्तिकाल की विशेषताओं को समझाना।
2. वात्सल्य भाव के महत्व को उजागर करना।
3. सूरदास की काव्य कला और भाषा की सरलता का अध्ययन।
4. भक्ति आंदोलन के प्रभाव को जानना।
महत्वपूर्ण प्रश्न:
1. सूरदास कौन थे? उनकी प्रमुख कृतियाँ कौन-कौन सी हैं?
2. पदों में कृष्ण के बाल स्वरूप का वर्णन किस प्रकार किया गया है?
3. सूरदास के पदों में कौन-कौन से रस और अलंकार प्रमुख हैं?
4. वात्सल्य रस की विशेषता को उदाहरण सहित समझाइए।
5. गोपियों और यशोदा के संवाद में कृष्ण का कैसा चित्रण किया गया है?
यहां कक्षा 10 के हिंदी (क्षितिज) के पाठ 1 - पद (सूरदास) के 5 महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिए जा रहे हैं:
1. सूरदास कौन थे? उनकी प्रमुख कृतियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
सूरदास हिंदी साहित्य के महान संत कवि और भक्ति काल के सगुण भक्त कवि थे। इनका जन्म 1478 ई. में हुआ था और इन्होंने अपनी रचनाओं में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का चित्रण किया। सूरदास ने विशेष रूप से कृष्ण भक्ति पर अपनी कविताएँ लिखी और इन्हें “सूरसागर” काव्य ग्रंथ के लिए जाना जाता है।
• प्रमुख कृतियाँ:
1. सूरसागर
2. सूरसारावली
3. साहित्य लहरी
इनकी कृतियाँ ब्रज भाषा में लिखी गईं और इनकी कविता में सरलता, सृजनात्मकता और प्रेम का भाव प्रमुख था।
2. पदों में कृष्ण के बाल स्वरूप का वर्णन किस प्रकार किया गया है?
उत्तर:
सूरदास के पदों में कृष्ण के बाल स्वरूप का चित्रण बहुत ही नटखट और मोहक तरीके से किया गया है। कृष्ण के बाल रूप में उनकी मासूमियत, चंचलता, और भोलेपन का गुण नज़र आता है। जैसे, कृष्ण माखन चुराने पर अपनी माँ यशोदा से सफाई देते हैं, उनकी शरारतें और संवाद में भावनाओं की मासूमियत का चित्रण किया गया है। इन पदों में कृष्ण की बाल लीलाओं को सरल, सहज और सौम्य रूप से दर्शाया गया है, जो सुनने वाले को मोहित कर देता है।
3. सूरदास के पदों में कौन-कौन से रस और अलंकार प्रमुख हैं?
उत्तर:
रस:
• मुख्य रूप से वात्सल्य रस का प्रमुख स्थान है, क्योंकि कृष्ण की बाल लीलाओं में माँ यशोदा का वात्सल्य भाव प्रमुख होता है।
अलंकार:
• अनुप्रास (Alliteration): जैसे “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” में “न” का पुनरावृत्त प्रयोग।
• उपमा (Simile): कृष्ण की सौंदर्य और भोली सूरत को चंद्रमा से उपमित किया जाता है।
• रूपक (Metaphor): कृष्ण के प्रति यशोदा की प्रेमभावना का गहराई से चित्रण किया गया है, जैसे वह अपने बेटे के नटखट रूप को निहारते हुए उसमें ईश्वरत्व देखती हैं।
4. वात्सल्य रस की विशेषता को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
वात्सल्य रस माँ-बच्चे के रिश्ते में व्यक्त होने वाला भाव है, जिसमें माता अपने बच्चे के प्रति असीम प्रेम और ममता का अनुभव करती है। इस रस की विशेषता है कि इसमें ममता, देखभाल, और बच्चे के प्रति अटूट प्रेम की भावना होती है। सूरदास के पदों में कृष्ण की नटखट शरारतों को देखकर यशोदा का प्रेम भाव जागृत होता है।
उदाहरण:
“माँ के हृदय में कृष्ण का भोला रूप और उसकी बाल शरारतों पर गर्व और प्यार की भावना का उत्कृष्ट चित्रण वात्सल्य रस के माध्यम से किया गया है।”
5. गोपियों और यशोदा के संवाद में कृष्ण का कैसा चित्रण किया गया है?
उत्तर:
गोपियाँ और यशोदा कृष्ण के नटखट रूप और उनकी बाल लीलाओं के प्रति शिकायत करती हैं। गोपियाँ कृष्ण के माखन चोरी करने और अन्य शरारतों के बारे में यशोदा से शिकायत करती हैं। यशोदा इन शिकायतों को सुनते हुए मन ही मन अपने पुत्र के शरारती स्वभाव पर हंसती हैं और उसकी मासूमियत पर गर्व करती हैं। सूरदास ने कृष्ण के बाल रूप में उनके प्यारे, नटखट और शरारती स्वभाव का चित्रण किया है, जो प्रेम और नटखटपन की विशेषता को दर्शाता है।
इन उत्तरों से आप पाठ के समझ और विषय की गहरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यदि और कोई सवाल हो, तो बताइए!
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