भारत की जलवायु परिवर्तन से निपटने की नई रणनीति: ‘राष्ट्रीय हरित पहल 2047’
भूमिका
आज के दौर में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती बन चुका है। भारत, जो विश्व का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है, ने इसे लेकर अपनी जिम्मेदारी समझते हुए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है: ‘राष्ट्रीय हरित पहल 2047’। इस पहल का उद्देश्य देश को 2047 तक ‘नेट ज़ीरो उत्सर्जन’ का लक्ष्य प्राप्त करना है। यह रणनीति न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
‘राष्ट्रीय हरित पहल 2047’ क्या है?
‘राष्ट्रीय हरित पहल 2047’ भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एक व्यापक योजना है, जिसका उद्देश्य अगले 23 वर्षों में देश को जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाना है। इस योजना में नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, और टिकाऊ विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस पहल के अंतर्गत कुछ प्रमुख लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
1. 2047 तक ‘नेट ज़ीरो उत्सर्जन’ का लक्ष्य।
2. 2030 तक 50% ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना।
3. पानी की बर्बादी को 60% तक कम करना।
4. 2025 तक 2,000 से अधिक हरित शहर विकसित करना।
5. हरित रोजगार के 10 मिलियन अवसर पैदा करना।
इस योजना की मुख्य विशेषताएं
1. नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश
• भारत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और जल विद्युत परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
• ‘सोलर मिशन 2030’ के तहत, देश के हर गांव में सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
2. हरित परिवहन (Green Transportation)
• ‘इलेक्ट्रिक वाहन अभियान’ के तहत 2035 तक देश में 70% सार्वजनिक परिवहन इलेक्ट्रिक होगा।
• हाइड्रोजन ईंधन तकनीक को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
3. हरित रोजगार के अवसर
• सरकार ने अनुमान लगाया है कि हरित ऊर्जा और सतत विकास परियोजनाओं से लगभग 10 मिलियन रोजगार सृजित होंगे।
• यह पहल युवा पीढ़ी के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगी।
4. जल संरक्षण और पुनर्चक्रण
• ‘जल शक्ति अभियान’ के तहत जल संग्रहण और प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा।
• स्मार्ट जल प्रबंधन तकनीकों का उपयोग कर 2047 तक हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
5. टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture)
• जैविक खेती और कम पानी में खेती की तकनीकों को प्रोत्साहन।
• कृषि क्षेत्र में जलवायु अनुकूल तकनीक का उपयोग।
इस पहल का प्रभाव
1. पर्यावरणीय प्रभाव
• कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
• जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती आपदाओं (बाढ़, सूखा) से राहत मिलेगी।
2. आर्थिक प्रभाव
• हरित ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश से आर्थिक वृद्धि होगी।
• हरित उद्योग और तकनीकी नवाचारों से नए व्यापारिक अवसर बढ़ेंगे।
3. सामाजिक प्रभाव
• ग्रामीण क्षेत्रों में हरित रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
• जलवायु शिक्षा और जागरूकता से समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी बढ़ेगी।
सरकार की प्रमुख योजनाएं
‘राष्ट्रीय हरित पहल 2047’ के तहत, सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. हरित भारत कोष (Green India Fund):
• हरित ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तीय सहायता।
2. ‘हर घर हरित ऊर्जा’ योजना:
• सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा तक सभी की पहुंच।
3. ‘नेशनल क्लाइमेट एक्शन प्लेटफॉर्म’:
• राज्यों और केंद्र के बीच जलवायु परिवर्तन से संबंधित योजनाओं के समन्वय के लिए एक मंच।
चुनौतियां और समाधान
चुनौतियां:
1. परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी।
2. ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी ज्ञान की कमी।
3. उद्योगों द्वारा इस पहल का विरोध।
समाधान:
1. वैश्विक संगठनों और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी।
2. जलवायु शिक्षा को स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना।
3. हरित कर नीति लागू करना, जिससे प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर जुर्माना लगाया जाए।
निष्कर्ष
‘राष्ट्रीय हरित पहल 2047’ भारत को एक हरित और सतत भविष्य की ओर ले जाने वाली क्रांतिकारी योजना है। यह पहल न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेगी, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी।
“एक हरित भारत का निर्माण केवल सरकार का दायित्व नहीं है, बल्कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है।”
आप अपने छोटे-छोटे कदमों जैसे ऊर्जा की बचत, जल संरक्षण, और हरित प्रथाओं को अपनाकर इस परिवर्तन में योगदान दे सकते हैं।
याद रखें, हरित भारत ही सशक्त भारत है।
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