NCERT Class 12 Hindi: Lesson 2 - “नमस्कार” (Namaskar) - Notes
यह पाठ ‘नमस्कार’ हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया है। यह एक आत्मकथात्मक निबंध है जिसमें उन्होंने ‘नमस्कार’ के महत्व को समझाया है।
मुख्य बिंदु:
1. नमस्कार का महत्व:
• महात्मा गांधी के अनुसार, ‘नमस्कार’ केवल एक अभिवादन नहीं है, बल्कि यह एक उच्च आदर्श का प्रतीक है। इसे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक सादगी का प्रतिनिधि माना जाता है।
• ‘नमस्कार’ एक प्रकार से दूसरे व्यक्ति को सम्मान देने का तरीका है। यह दिखाता है कि हम अपने से बड़े व्यक्ति का आदर करते हैं।
2. समाज में नमस्कार की परंपरा:
• गांधीजी के अनुसार, नमस्कार की परंपरा समाज में एकता और शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक आदर्श है जिसे हमें न केवल शब्दों से, बल्कि क्रियाओं से भी समझाना चाहिए।
3. आध्यात्मिक दृष्टिकोण:
• गांधीजी के अनुसार, ‘नमस्कार’ केवल बाहरी रूप में नहीं, बल्कि एक गहरी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक होना चाहिए। यह व्यक्ति के आंतरिक संस्कारों और नैतिकता का दर्पण होता है।
4. नमस्कार का आधिकारिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण:
• महात्मा गांधी ने इसे एक साधारण परंपरा नहीं माना, बल्कि एक आवश्यक तत्व बताया जो मानवता, शांति, और सौहार्द के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।
5. अंतिम संदेश:
• गांधीजी ने पाठ के अंत में यह बताया कि ‘नमस्कार’ एक महत्त्वपूर्ण संस्कार है जो हर व्यक्ति के जीवन में एकता और शांति की भावना उत्पन्न करता है। इसे केवल एक अभिवादन के रूप में न देखें, बल्कि इसे एक जीवनदृष्टि के रूप में अपनाएं।
सारांश:
इस पाठ में महात्मा गांधी ने ‘नमस्कार’ के महत्व को व्यक्त किया है और यह बताया है कि यह केवल एक सांस्कृतिक अभिवादन नहीं, बल्कि मानवता की भावना का प्रतीक है। उन्होंने इसे समाज में शांति और सम्मान का साधन माना है।
कविता, कहानी या निबंधों में उपयोगी बिंदु:
• समाज में संस्कृति और शांति बनाए रखने के लिए आदर्श व्यवहार, जैसे ‘नमस्कार’, अपनाना चाहिए।
• यह निबंध पाठकों को यह समझाने का प्रयास करता है कि हमें अपनी आस्थाओं और संस्कारों का सम्मान करना चाहिए, और दूसरों को भी सम्मान देना चाहिए।
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