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KVS/NVS General Knowledge Notes PDF

KVS NVS GS Notes in Hindi | Free PDF 📘 KVS / NVS GS Notes (General Studies) ये नोट्स खास तौर पर KVS, NVS, EMRS, DSSSB जैसी शिक्षक परीक्षाओं के लिए बनाए गए हैं। 🏛️ इतिहास (History) सिंधु घाटी सभ्यता – हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा वैदिक काल – ऋग्वैदिक व उत्तरवैदिक मौर्य साम्राज्य – अशोक के शिलालेख गुप्त काल – स्वर्ण युग 1857 का विद्रोह – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 🌍 भूगोल (Geography) भारत की भौतिक संरचना – हिमालय, मैदान, पठार नदियाँ – गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु जलवायु – मानसून प्रणाली मृदा के प्रकार – जलोढ़, काली, लाल भारत के राष्ट्रीय उद्यान ⚖️ भारतीय संविधान (Polity) संविधान लागू – 26 जनवरी 1950 मौलिक अधिकार – 6 राज्य के नीति निर्देशक तत्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद संवैधानिक निकाय – UPSC, CAG 💰 अर्थव्यवस्था (Economy) GDP और GNP मुद्रास्फीति (Inflation) बजट के प्रकार नीति आयोग पंचवर्षीय योजनाएँ 🔬 सामान्य विज्ञान (Science) कोशिका – जीव की मूल इकाई मानव रक्त समूह बल और गति के नियम पर्यावरण और पारिस्थितिकी...

NCERT Class 12 Hindi: Lesson 2 - “नमस्कार” (Namaskar) - Notes

 NCERT Class 12 Hindi: Lesson 2 - “नमस्कार” (Namaskar) - Notes


यह पाठ ‘नमस्कार’ हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया है। यह एक आत्मकथात्मक निबंध है जिसमें उन्होंने ‘नमस्कार’ के महत्व को समझाया है।


मुख्य बिंदु:

1. नमस्कार का महत्व:

महात्मा गांधी के अनुसार, ‘नमस्कार’ केवल एक अभिवादन नहीं है, बल्कि यह एक उच्च आदर्श का प्रतीक है। इसे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक सादगी का प्रतिनिधि माना जाता है।

‘नमस्कार’ एक प्रकार से दूसरे व्यक्ति को सम्मान देने का तरीका है। यह दिखाता है कि हम अपने से बड़े व्यक्ति का आदर करते हैं।

2. समाज में नमस्कार की परंपरा:

गांधीजी के अनुसार, नमस्कार की परंपरा समाज में एकता और शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक आदर्श है जिसे हमें न केवल शब्दों से, बल्कि क्रियाओं से भी समझाना चाहिए।

3. आध्यात्मिक दृष्टिकोण:

गांधीजी के अनुसार, ‘नमस्कार’ केवल बाहरी रूप में नहीं, बल्कि एक गहरी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक होना चाहिए। यह व्यक्ति के आंतरिक संस्कारों और नैतिकता का दर्पण होता है।

4. नमस्कार का आधिकारिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण:

महात्मा गांधी ने इसे एक साधारण परंपरा नहीं माना, बल्कि एक आवश्यक तत्व बताया जो मानवता, शांति, और सौहार्द के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।

5. अंतिम संदेश:

गांधीजी ने पाठ के अंत में यह बताया कि ‘नमस्कार’ एक महत्त्वपूर्ण संस्कार है जो हर व्यक्ति के जीवन में एकता और शांति की भावना उत्पन्न करता है। इसे केवल एक अभिवादन के रूप में न देखें, बल्कि इसे एक जीवनदृष्टि के रूप में अपनाएं।


सारांश:


इस पाठ में महात्मा गांधी ने ‘नमस्कार’ के महत्व को व्यक्त किया है और यह बताया है कि यह केवल एक सांस्कृतिक अभिवादन नहीं, बल्कि मानवता की भावना का प्रतीक है। उन्होंने इसे समाज में शांति और सम्मान का साधन माना है।


कविता, कहानी या निबंधों में उपयोगी बिंदु:

समाज में संस्कृति और शांति बनाए रखने के लिए आदर्श व्यवहार, जैसे ‘नमस्कार’, अपनाना चाहिए।

यह निबंध पाठकों को यह समझाने का प्रयास करता है कि हमें अपनी आस्थाओं और संस्कारों का सम्मान करना चाहिए, और दूसरों को भी सम्मान देना चाहिए।

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