MED8 Previous Year Question with Answer (Globalisation and Environment)

 


1. विकासशील देशों की प्रमुख पर्यावरणीय चिंताओं का विवरण दीजिए। भारत के संदर्भ में इन चिंताओं से संबंधित उठाए गए कदमों के बारे में संक्षेप में उल्लेख कीजिए।



विकासशील देशों में पर्यावरणीय चिंताओं की जड़ें आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत संरचनाओं में छिपी हैं। संसाधनों का अत्यधिक दोहन, बढ़ती जनसंख्या, नगरीकरण, और औद्योगीकरण इन चिंताओं को गहराते हैं।



प्रमुख पर्यावरणीय चिंताएं:



  1. वायु और जल प्रदूषण: कोयला आधारित ऊर्जा, वाहनों से उत्सर्जन, और उद्योगों से जल स्रोतों में प्रदूषक।
  2. वनों की कटाई: कृषि विस्तार, शहरी विकास, और लकड़ी का व्यवसाय।
  3. जलवायु परिवर्तन: कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव, सूखा और बाढ़ की घटनाएं बढ़ीं।
  4. जैव विविधता का नुकसान: पारिस्थितिकी तंत्र का विघटन, विशेषकर संरक्षित क्षेत्रों में अतिक्रमण।
  5. कचरा प्रबंधन: ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक प्रदूषण, और ई-कचरे की बढ़ती समस्या।




भारत द्वारा उठाए गए कदम:



  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986: समग्र पर्यावरण नियमन का कानूनी ढांचा।
  • राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT): त्वरित न्याय और पर्यावरणीय विवादों का समाधान।
  • राष्ट्रीय कार्य योजना जलवायु परिवर्तन (NAPCC): 8 मिशनों के तहत नीतिगत प्रयास।
  • स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे योजना: प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छता को बढ़ावा।
  • वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और जैव विविधता अधिनियम, 2002।



विकासशील देशों को सतत विकास को सुनिश्चित करते हुए पर्यावरणीय स्थिरता की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।





2. भूमंडलीकरण के कारण किस प्रकार पारिस्थितिक तंत्र का भारी मात्रा में विघटन हुआ है, समझाइए। भूमंडलीकरण के कारण भारत में हो रही बीज आत्महत्याओं का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।




पारिस्थितिक तंत्र पर भूमंडलीकरण का प्रभाव:



  • प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन: वैश्विक मांग के कारण भूमि, जल, खनिज आदि पर अत्यधिक दबाव।
  • औद्योगीकरण और प्रदूषण: विदेशी निवेश से स्थापित भारी उद्योगों ने वायु, जल और मृदा को प्रदूषित किया।
  • वनों की कटाई और जैव विविधता में गिरावट।
  • उपभोक्तावाद और अपशिष्ट वृद्धि।




बीज आत्महत्याएं और भूमंडलीकरण:



  • आर्थिक उदारीकरण के बाद भारत में बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों का प्रवेश हुआ।
  • पारंपरिक बीजों के स्थान पर हाइब्रिड और GM बीजों का प्रचार हुआ, जो महंगे और बार-बार खरीदने योग्य होते हैं।
  • इन बीजों के लिए अधिक खाद, कीटनाशक और सिंचाई की आवश्यकता होती है, जिससे लागत बढ़ी।
  • कर्ज और फसल विफलता के कारण किसान आत्महत्या को विवश हुए।




निष्कर्ष:



भूमंडलीकरण ने पारिस्थितिकी तंत्र और कृषकों दोनों के लिए संकट पैदा किए हैं। आत्मनिर्भर, स्थानीय और टिकाऊ कृषि प्रणाली ही इसका समाधान हो सकती है।





3. बाढ़ एवं चक्रवात जैसी पर्यावरण आपदाओं के कारणों एवं परिणाम की व्याख्या कीजिए।




बाढ़ के कारण:



  • अत्यधिक वर्षा, नदियों में जलस्तर का बढ़ना।
  • वनों की कटाई, शहरीकरण से जल का अवरोध।
  • बांधों का असंतुलित प्रबंधन, जल निकासी की समस्या।




चक्रवात के कारण:



  • महासागरों की सतह का तापमान बढ़ना।
  • निम्न वायुदाब क्षेत्र का बनना।
  • जलवायु परिवर्तन ने इनकी तीव्रता और आवृत्ति बढ़ाई।




परिणाम:



  • जन-धन की हानि, अधोसंरचना नष्ट।
  • कृषि और मत्स्य पालन पर प्रतिकूल प्रभाव।
  • विस्थापन और महामारी का खतरा।




निष्कर्ष:



समयपूर्व चेतावनी प्रणाली, आपदा प्रबंधन नीति, और पारिस्थितिकी आधारित समाधान आवश्यक हैं।





4. सतत खाद्य सुरक्षा के सूचक क्या हैं संक्षेप में समझाइए



सतत खाद्य सुरक्षा का अर्थ है हर व्यक्ति को हर समय पर्याप्त, पोषणयुक्त और सुरक्षित खाद्य प्राप्त होना।



मुख्य सूचक:



  1. उपलब्धता (Availability): कृषि उत्पादन, भंडारण प्रणाली।
  2. पहुँच (Accessibility): क्रय शक्ति, सामाजिक सुरक्षा तंत्र।
  3. उपयोग (Utilization): पोषण स्तर, स्वच्छ जल एवं स्वास्थ्य सेवाएं।
  4. स्थिरता (Stability): जलवायु जोखिम, मूल्य अस्थिरता का सामना।



भारत में PM-GKAY, NFSA, ICDS जैसी योजनाएं खाद्य सुरक्षा में सहायक हैं।





5. स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्रमुख पर्यावरणीय कानूनों पर चर्चा कीजिए




प्रमुख पर्यावरणीय कानून:



  1. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 – समग्र कानून।
  2. जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974।
  3. वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981।
  4. वन संरक्षण अधिनियम, 1980।
  5. जैव विविधता अधिनियम, 2002।
  6. राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 – पर्यावरणीय न्याय के लिए।




निष्कर्ष:



इन कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन, जनसहभागिता और न्यायिक सक्रियता पर्यावरण की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।





6. चिल्का बचाओ आंदोलन किस प्रकार भूमंडलीकरण की प्रक्रिया को चुनौती देने में और पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।



चिल्का झील, एशिया की सबसे बड़ी खारे जल की झील है। 1990 के दशक में झींगा (prawn) पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार और कंपनियों ने झील में अतिक्रमण किया।



चुनौतियाँ:



  • स्थानीय मछुआरों की आजीविका खतरे में।
  • झील की पारिस्थितिकी का विघटन।
  • भूमंडलीकरण के तहत निजी पूंजी का वर्चस्व।




चिल्का बचाओ आंदोलन की भूमिका:



  • स्थानीय समुदायों के नेतृत्व में विरोध।
  • न्यायालय में याचिकाएं।
  • अंततः NGT और उच्च न्यायालय ने झील में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया।



यह आंदोलन स्थानीय आजीविका, पर्यावरणीय न्याय और पारंपरिक अधिकारों की रक्षा में एक मिसाल है।





7. परमाणु हथियार किस प्रकार पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के लिए खतरा हैं।



  • परमाणु हथियार तीव्र विध्वंसक क्षमता रखते हैं। एक बार उपयोग होने पर लाखों लोगों की मृत्यु हो सकती है।
  • रेडियोधर्मी प्रदूषण से भूमि, जल और वायु प्रभावित होती है।
  • नाभिकीय सर्दी (Nuclear Winter) – सूरज की रोशनी अवरुद्ध, कृषि नष्ट, अकाल की स्थिति।
  • मानव त्रुटि या आतंकी खतरा हमेशा मौजूद है।




निष्कर्ष:



परमाणु निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय संधियों जैसे START, NPT आदि को सख्ती से लागू करना आवश्यक है।





8. गैर सरकारी संगठनों और जन पहलों में अंतर बताइए


पहलू गैर सरकारी संगठन (NGO) जन पहल (People's Movement)
प्रकृति औपचारिक, पंजीकृत संस्था अनौपचारिक, जनसंचालित
उद्देश्य सेवा, जागरूकता, हस्तक्षेप विरोध, अधिकारों की मांग
नेतृत्व पेशेवर, कार्यकर्ता स्थानीय लोग, समाज के प्रतिनिधि
उदाहरण CSE, WWF, SEWA नर्मदा बचाओ, चिपको



9. संधियों और उप संधियों (प्रोटोकॉल) के बीच अंतर समझाइए


आधार संधि (Treaty) उप-संधि (Protocol)
परिभाषा अंतरराष्ट्रीय समझौता संधि के अनुपूरक नियम
क्षेत्र व्यापक विशेष
उदाहरण UNFCCC क्योटो प्रोटोकॉल, पेरिस समझौता


10. पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (EIA) के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?




मुख्य उद्देश्य:



  1. परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव का पूर्व मूल्यांकन।
  2. विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन।
  3. जन सहभागिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
  4. प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।
  5. जोखिम न्यूनीकरण और वैकल्पिक रणनीतियाँ तैयार करना।



EIA सतत विकास की दिशा में एक आवश्यक उपकरण है।


11. भूमंडलीकरण पर्यावरण के लिए कैसे हानिकारक है, चर्चा कीजिए।




भूमंडलीकरण की पर्यावरण पर हानियाँ:



  1. प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन – वैश्विक मांग के कारण खनन, वनों की कटाई और जल स्रोतों पर दबाव।
  2. उद्योगों का विस्तार – विशेषकर विकासशील देशों में प्रदूषणकारी उद्योगों का स्थानांतरण।
  3. उपभोक्तावाद – अधिक उत्पादन और उपभोग ने अपशिष्ट और कार्बन उत्सर्जन बढ़ाया।
  4. स्थानीय कृषि पर प्रभाव – परंपरागत खेती की जगह हाइब्रिड और रासायनिक आधारित कृषि ने पर्यावरण को क्षति पहुंचाई।
  5. कार्बन फुटप्रिंट में वृद्धि – अंतरराष्ट्रीय व्यापार और परिवहन से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ा।




निष्कर्ष:



भूमंडलीकरण के साथ-साथ पर्यावरणीय नैतिकता और सतत विकास की अवधारणा को भी आगे बढ़ाना आवश्यक है।





12. तकनीकी और व्यापार की भूमिकाओं का भूमंडलीकरण के संदर्भ में संक्षेप में वर्णन कीजिए।




तकनीकी भूमिका:



  • संचार और सूचना क्रांति – वैश्विक संपर्क संभव हुआ।
  • उत्पादन की दक्षता में वृद्धि – लेकिन इससे प्रदूषणकारी तकनीकों का प्रसार भी हुआ।
  • हरित तकनीकों का विकास – जैसे सौर ऊर्जा, स्मार्ट ग्रिड आदि।




व्यापार की भूमिका:



  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि – परंतु इससे कार्बन उत्सर्जन और संसाधन ह्रास हुआ।
  • MNCs का प्रभाव – स्थानीय संसाधनों और पर्यावरण पर दबाव।




निष्कर्ष:



तकनीक और व्यापार को पर्यावरण अनुकूल दिशा में मोड़ना भूमंडलीकरण के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।





13. आर्थिक भूमंडलीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका पर एक लघु टिप्पणी लिखिए।



बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (MNCs) आर्थिक भूमंडलीकरण की धुरी हैं। उन्होंने पूंजी, तकनीक और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। लेकिन साथ ही:


  • पर्यावरणीय मानकों की अवहेलना।
  • स्थानीय बाजार और कृषि पर दबाव।
  • जल, वायु और मृदा प्रदूषण के कारक।




निष्कर्ष:



MNCs की ज़िम्मेदारी केवल लाभ नहीं, बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक उत्तरदायित्व भी होना चाहिए।





14. खाद्य सुरक्षा की स्थिरता के संकेतकों पर एक लघु टिप्पणी लिखिए।




प्रमुख संकेतक:



  1. जलवायु सहनशीलता – कृषि प्रणाली का मौसम के प्रति लचीलापन।
  2. प्राकृतिक संसाधनों का स्थायी उपयोग।
  3. भंडारण एवं वितरण प्रणाली की मजबूती।
  4. सरकारी हस्तक्षेप व नीति स्थिरता – जैसे MSP, PDS।



स्थायी खाद्य सुरक्षा में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संतुलन अनिवार्य है।





15. अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय कानूनों के सामान्य सिद्धांतों की जांच कीजिए।




प्रमुख सिद्धांत:



  1. सतत विकास का सिद्धांत – विकास ऐसा हो जो भविष्य की आवश्यकताओं से समझौता न करे।
  2. सावधानी सिद्धांत (Precautionary Principle) – संभावित जोखिम पर भी कार्यवाही।
  3. “प्रदूषक भुगतान करेगा” सिद्धांत – प्रदूषण फैलाने वाले पर जिम्मेदारी।
  4. साझा लेकिन विभेदित उत्तरदायित्व – विकसित और विकासशील देशों की अलग भूमिका।



ये सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय समझौतों जैसे रियो घोषणा और पेरिस समझौते में परिलक्षित होते हैं।





16. पर्यावरणीय शासन को संबोधित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बनाए गए प्रयासों की चर्चा कीजिए।




प्रमुख प्रयास:



  1. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)
  2. पेरिस समझौता (2015) – जलवायु परिवर्तन नियंत्रण हेतु।
  3. क्योटो प्रोटोकॉल (1997) – GHG उत्सर्जन पर नियंत्रण।
  4. CBD, RAMSAR, CITES जैसी संधियाँ।
  5. अंतरराष्ट्रीय NGOs और Think Tanks – WWF, IUCN आदि।



इन प्रयासों ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए सहयोगात्मक वातावरण तैयार किया।





17. जैव विविधता के खतरों को समझाइए और इसके संरक्षण में भारत की भूमिका को भी समझाइए।




खतरे:



  1. वनों की कटाई, शहरीकरण।
  2. प्रजातियों का अवैध व्यापार।
  3. विदेशी आक्रामक प्रजातियां।
  4. जलवायु परिवर्तन।




भारत की भूमिका:



  • जैव विविधता अधिनियम, 2002।
  • राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA)।
  • 13 बायोस्फीयर रिजर्व, 106 नेशनल पार्क।
  • सामुदायिक भागीदारी (जैसे: चिपको आंदोलन)।



भारत जैव विविधता संरक्षण में वैश्विक नेता बनकर उभरा है।





18. पर्यावरणीय ध्वनि प्रौद्योगिकियों की विशेषताओं को समझाइए।



Environmentally Sound Technologies (ESTs) वे तकनीकें हैं जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाए बिना विकास को संभव बनाती हैं।



विशेषताएँ:



  1. प्रदूषण में कमी।
  2. ऊर्जा दक्षता।
  3. नवीकरणीय संसाधनों पर आधारित।
  4. स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप।
  5. लागत प्रभावी और सामुदायिक भागीदारी योग्य।



ये तकनीकें Agenda 21 में भी उल्लेखित हैं।





19. रिओ +5 एवं रियो +10 पर संक्षिप्त में टिप्पणी लिखिए।



  • रियो +5 (1997, न्यूयॉर्क):
    → Agenda 21 की प्रगति की समीक्षा।
    → वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने पर बल।
  • रियो +10 (2002, जोहांसबर्ग):
    → सतत विकास के तीन स्तंभ: आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय।
    → गरीबी उन्मूलन और जलवायु कार्रवाई पर बल।



दोनों सम्मेलनों ने रियो 1992 के मूल लक्ष्यों को पुनर्स्थापित और विस्तारित किया।





20. मानव द्वारा निर्मित आपदाओं पर चर्चा कीजिए।




परिभाषा:



ऐसी आपदाएं जो मानवीय गतिविधियों जैसे तकनीकी विफलता, युद्ध, या लापरवाही से उत्पन्न होती हैं।



उदाहरण:



  1. भोपाल गैस त्रासदी (1984) – रासायनिक दुर्घटना।
  2. चेर्नोबिल (1986) – परमाणु संयंत्र विस्फोट।
  3. ऑयल स्पिल (जैसे: एक्सॉन वाल्डेज)।
  4. भूमिगत खनन दुर्घटनाएं।




परिणाम:



  • जन-धन की हानि, दीर्घकालीन स्वास्थ्य प्रभाव।
  • पर्यावरणीय प्रदूषण और जैव विविधता ह्रास।




निष्कर्ष:



मानव निर्मित आपदाओं को रोकने के लिए कड़े नियमन, निगरानी और जन-जागरूकता की आवश्यकता है।




21. अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की भूमिका को समझाइए।




प्रमुख संस्थान:



  1. विश्व बैंक – विकास परियोजनाओं के लिए ऋण व अनुदान।
  2. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) – भुगतान संतुलन, मुद्रा स्थिरता।
  3. एशियाई विकास बैंक (ADB) – बुनियादी ढांचे व पर्यावरण परियोजनाओं में निवेश।




पर्यावरण संदर्भ में भूमिका:



  • पर्यावरणीय परियोजनाओं में वित्तीय सहायता।
  • सतत विकास हेतु “ग्रीन फंडिंग”।
  • आलोचना: कभी-कभी विकास परियोजनाओं से पर्यावरणीय नुकसान।






22. पर्यावरणीय चिंताओं का भारत जैसे विकासशील देशों के संदर्भ में चर्चा कीजिए।




प्रमुख चिंताएँ:



  1. वायु एवं जल प्रदूषण।
  2. वनों की कटाई और जैव विविधता का नुकसान।
  3. कचरा प्रबंधन की समस्या।
  4. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव: सूखा, बाढ़।




सरकारी प्रयास:



  • राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम।
  • राष्ट्रीय जैव विविधता अधिनियम।
  • राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC)।






23. नर्मदा बचाओ आंदोलन में लोगों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर चर्चा कीजिए।



  • प्रारंभ: नर्मदा घाटी में बड़े बांधों के निर्माण के विरुद्ध।
  • नेतृत्व: मेधा पाटकर।
  • प्रतिक्रिया: विस्थापित लोगों का विरोध, न्यायिक कार्रवाई, सामाजिक जागरूकता।
  • उपलब्धि: पुनर्वास नीति में सुधार, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन पर जोर।






24. पर्यावरणीय नैतिकता से आप क्या समझते हैं? समझाइए।



पर्यावरणीय नैतिकता वह दर्शन है जो यह निर्धारित करता है कि मनुष्य का पर्यावरण व अन्य जीवों के प्रति क्या नैतिक दायित्व है।



मुख्य तत्व:



  • प्रकृति को केवल संसाधन न मानना।
  • पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखना।
  • अंतरपीढ़ी न्याय (Intergenerational Justice)।






25. आर्थिक भूमंडलीकरण से क्या अभिप्राय है? पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभावों की चर्चा कीजिए।




अर्थ:



दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं का आपसी जुड़ाव – व्यापार, निवेश और पूंजी के माध्यम से।



नकारात्मक प्रभाव:



  • प्राकृतिक संसाधनों का शोषण।
  • स्थानीय पारिस्थितिकीय तंत्र का क्षरण।
  • औद्योगिक प्रदूषण में वृद्धि।
  • MNCs द्वारा पर्यावरण मानकों की अनदेखी।






26. भूकंप को परिभाषित कीजिए। भूकंप की संवेदनशीलता के आधार पर भारत में पाँच क्षेत्र कौन से हैं?




परिभाषा:



भूगर्भीय प्लेटों के आपसी टकराव से उत्पन्न तीव्र कंपन को भूकंप कहते हैं।



भारत के भूकंपीय क्षेत्र:



  1. जोन V – जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर।
  2. जोन IV – बिहार, उत्तराखंड।
  3. जोन III – पंजाब, हरियाणा।
  4. जोन II – दक्षिण भारत।
  5. जोन I – बहुत कम संवेदनशील (अब हटाया गया)।






27. पर्यावरण पर युद्ध के हानिकारक प्रभाव क्या हैं? उपयुक्त उदाहरण देते हुए समझाइए।




प्रभाव:



  • वनों की कटाई, जल स्रोतों का प्रदूषण।
  • जैव विविधता को क्षति।
  • रेडियोधर्मी/रासायनिक अवशेष।




उदाहरण:



  • वियतनाम युद्ध – एजेंट ऑरेंज से वन विनाश।
  • गल्फ वॉर (1991) – तेल रिसाव से समुद्री प्रदूषण।






28. भूमंडलीकरण में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की भूमिका की चर्चा कीजिए।




भूमिका:



  • वैश्विक पूंजी प्रवाह को सुविधाजनक बनाना।
  • विकास परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण।
  • संरचनात्मक सुधार कार्यक्रम लागू कराना।




आलोचना:



  • पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी।
  • सामाजिक असमानता में वृद्धि।






29. GEF का पूर्ण रूप क्या है? इसका उद्देश्य क्या है? GEF के अंतर्गत परिचालन और औपचारिकताओं के लिए पहचाने गए चार क्षेत्रों को सूचीबद्ध कीजिए।



  • पूर्ण रूप: Global Environment Facility
  • उद्देश्य: वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए फंडिंग और सहयोग।




चार प्रमुख क्षेत्र:



  1. जैव विविधता
  2. जलवायु परिवर्तन
  3. अंतर्राष्ट्रीय जल
  4. भूमि क्षरण






30. जैव-विविधता अभिसमय द्वारा राष्ट्रों के लिए तीन उद्देश्य और दायित्व क्या हैं? कार्टाजेना प्रोटोकॉल।




तीन उद्देश्य:



  1. जैव विविधता का संरक्षण।
  2. संसाधनों का सतत उपयोग।
  3. आनुवंशिक संसाधनों के लाभों का समान बंटवारा।




कार्टाजेना प्रोटोकॉल:



→ जैव-सुरक्षा पर केंद्रित, विशेषकर GMOs की अंतरराष्ट्रीय आवाजाही को नियंत्रित करता है।


31. संयुक्त राष्ट्र के पाँच मुख्य अंगों और उनकी कार्यपद्धति का संक्षेप में वर्णन कीजिए।




1. महासभा (General Assembly):



  • सभी सदस्य देश, प्रत्येक को एक वोट।
  • नीति निर्माण, बजट और चर्चा मंच।




2. सुरक्षा परिषद (Security Council):



  • 15 सदस्य (5 स्थायी + 10 अस्थायी)।
  • अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना।




3. आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC):



  • 54 सदस्य।
  • सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय सहयोग।




4. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ):



  • हेग, नीदरलैंड में स्थित।
  • कानूनी विवादों का निपटारा करता है।




5. सचिवालय:



  • महासचिव के नेतृत्व में।
  • यू.एन. के सभी प्रशासनिक कार्यों की देखरेख।






32. बहुपक्षीय करार क्या है? पार-राष्ट्रीय वायु प्रदूषण और जैव विविधता से संबंधित बहुपक्षीय करारों के दो-दो उदाहरण दीजिए।




परिभाषा:



ऐसे अंतरराष्ट्रीय समझौते जिन्हें तीन या अधिक देश हस्ताक्षर करके अपनाते हैं।



वायु प्रदूषण संबंधित करार:



  1. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (1987) – ओजोन परत सुरक्षा।
  2. क्योटो प्रोटोकॉल (1997) – ग्रीनहाउस गैसों में कटौती।




जैव विविधता संबंधित करार:



  1. CBD (Convention on Biological Diversity, 1992)
  2. कार्टाजेना प्रोटोकॉल (2000) – जैव सुरक्षा।






33. निम्न संक्षिप्त रूपों के पूर्ण रूप और भूमिका बताइए:




क) CPCB:



→ Central Pollution Control Board

→ प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण गुणवत्ता निगरानी।



ख) NEERI:



→ National Environmental Engineering Research Institute

→ पर्यावरणीय अनुसंधान व तकनीकी समाधान।



ग) WII:



→ Wildlife Institute of India

→ वन्यजीव संरक्षण, अनुसंधान और प्रशिक्षण।



घ) CSE:



→ Centre for Science and Environment

→ पर्यावरणीय जागरूकता, शोध व नीति विश्लेषण।



ड) WWF:



→ World Wide Fund for Nature

→ वैश्विक जैव विविधता संरक्षण व जलवायु परिवर्तन रोकथाम।





34. गैर सरकारी संगठनों को परिभाषित कीजिए। NGO की संरचना को समझने के लिए तीन विभिन्न दृष्टिकोण का वर्णन कीजिए।




परिभाषा:



ऐसे संगठन जो गैर-लाभकारी, स्वायत्त और राज्य से स्वतंत्र होते हैं।



तीन दृष्टिकोण:



  1. सांस्थागत दृष्टिकोण: संगठनात्मक ढांचा – बोर्ड, कर्मचारी, स्वैच्छिक सदस्य।
  2. कार्यात्मक दृष्टिकोण: कार्यक्षेत्र – स्वास्थ्य, पर्यावरण, शिक्षा आदि।
  3. विचारधारात्मक दृष्टिकोण: जन अधिकार, न्याय, पर्यावरणीय न्याय।






35. जैव विविधता के संरक्षण के समर्थन में सांस्कृतिक और राजनीतिक तर्कों की व्याख्या कीजिए।




सांस्कृतिक तर्क:



  • जैव विविधता कई परंपराओं, रीति-रिवाजों और धर्मों से जुड़ी है।
  • आदिवासी समाजों की जीविका जैव विविधता पर निर्भर।




राजनीतिक तर्क:



  • राष्ट्रीय संप्रभुता और संसाधनों पर नियंत्रण।
  • पर्यावरणीय न्याय – विकासशील देशों को संरक्षण में भागीदारी मिलनी चाहिए।






36. पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियाँ (Environmentally Sound Technologies) क्या हैं? Agenda 21 के अनुसार इसकी परिभाषा दीजिए। उनकी पाँच विशेषताओं को सूचीबद्ध कीजिए।




परिभाषा (Agenda 21):



ऐसी तकनीकें जो पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुँचाते हुए संसाधनों का कुशल उपयोग करें।



विशेषताएँ:



  1. ऊर्जा-कुशल
  2. प्रदूषण-मुक्त या कम प्रदूषण
  3. पुनरावृत्ति योग्य/पुनर्चक्रण योग्य
  4. सामुदायिक भागीदारी
  5. टिकाऊ और दीर्घकालिक समाधान






37. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारतीय न्यायपालिका की भूमिका – दो उदाहरण सहित।




1. MC मेहता बनाम भारत सरकार (1986):



  • गंगा नदी प्रदूषण पर निर्णय।
  • औद्योगिक इकाइयों को नियंत्रण निर्देश।




2. वी. एल. गोपाला रेड्डी केस (1997):



  • वनों की अवैध कटाई पर रोक।
  • सार्वजनिक ट्रस्ट सिद्धांत को लागू किया।






38. ओजोन परत के क्षरण के कारण और प्रभाव क्या हैं? इसे रोकने हेतु दो वैश्विक पहलें।




कारण:



  • CFCs, HCFCs, हैलॉन्स का प्रयोग (फ्रिज, ए.सी.)।
  • औद्योगिक गैसें।




प्रभाव:



  • त्वचा कैंसर में वृद्धि।
  • कृषि उत्पादकता पर असर।
  • पारिस्थितिकी में असंतुलन।




वैश्विक पहल:



  1. वियना सम्मेलन (1985)
  2. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (1987)






39. ISO क्या है? ISO द्वारा प्रदान किए गए मानकों को संक्षेप में समझाइए।




ISO:



→ International Organization for Standardization

→ वैश्विक स्तर पर गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता हेतु मानक निर्धारित करता है।



प्रमुख मानक:



  • ISO 14001: पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली।
  • ISO 9001: गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली।






40. अंतर स्पष्ट करें:




क) आकस्मिक आपदाएं:



  • अचानक और अप्रत्याशित जैसे – भूकंप, सुनामी।




ख) घातक और अविच्छिन्न आपदाएं:



  • धीमे-धीमे बढ़ती और दीर्घकालिक – जैसे जलवायु परिवर्तन, सूखा।




मानव निर्मित आपदाओं के प्रभाव:



  • प्रदूषण, विस्थापन, स्वास्थ्य संकट।
  • उदाहरण: भोपाल गैस त्रासदी।



41. विश्व बैंक के किन्हीं दो उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए। पर्यावरण मूल्यांकन पर्यावरणीय मुद्दों को संबोधित करने में कैसे मदद करता है? संक्षेप में चर्चा कीजिए।




विश्व बैंक के उद्देश्य:



  1. विकासशील देशों में आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन को बढ़ावा देना।
  2. बुनियादी ढाँचे और मानव विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।




पर्यावरण मूल्यांकन (EIA):



  • यह योजना शुरू होने से पहले उसके संभावित पर्यावरणीय प्रभावों का अध्ययन करता है।
  • नकारात्मक प्रभावों की पहचान कर सुधारात्मक उपाय सुझाता है।
  • सतत विकास सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण साधन।






42. व्यापार संबंधों और वैश्विक पर्यावरण की रक्षा के संदर्भ में विश्व व्यापार संगठन की भूमिका पर चर्चा कीजिए।



  • WTO व्यापार उदारीकरण को बढ़ावा देता है।
  • पर्यावरण संरक्षण और व्यापार के बीच संतुलन बनाने हेतु कार्य करता है।
  • CITES, Basel Convention जैसे समझौतों को समर्थन।
  • आलोचना: कभी-कभी पर्यावरणीय नियमों को “व्यापार में बाधा” माना जाता है।






43. भारत की जैव विविधता का संक्षिप्त विवरण दीजिए। जैव विविधता से संबंधित सम्मेलन और इनके दो मुख्य क्षेत्र बताइए।




भारत की जैव विविधता:



  • भारत मेगाडायवर्स देश है।
  • 4 जैव-भौगोलिक क्षेत्र और 10 जैव विविधता हॉटस्पॉट।
  • वनस्पति और जीवों की लाखों प्रजातियाँ।




महत्वपूर्ण सम्मेलन:



  • Convention on Biological Diversity (CBD)




मुख्य क्षेत्र:



  1. जैव संसाधनों का संरक्षण।
  2. आनुवंशिक संसाधनों से प्राप्त लाभों का उचित बंटवारा।






44. स्टॉकहोम सम्मेलन और रियो सम्मेलन के आधार पर एक सशक्त पर्यावरण नीति के अभिग्रहण के विरोध में विकासशील देशों के तर्कों की चर्चा कीजिए।




तर्क:



  1. आर्थिक विकास की प्राथमिकता: विकासशील देशों का मानना था कि कठोर पर्यावरणीय नियम उनके औद्योगिक विकास को रोक देंगे।
  2. ऐतिहासिक दायित्व: विकसित देशों ने अधिक प्रदूषण किया है, इसलिए जिम्मेदारी भी उन्हीं की होनी चाहिए।
  3. वित्तीय और तकनीकी सहायता की कमी: नई तकनीकों को अपनाना महंगा है।






45. ग्रीनहाउस प्रभाव की व्याख्या कीजिए। ग्रीनहाउस गैसें पर्यावरण को कैसे प्रभावित करती हैं?




ग्रीनहाउस प्रभाव:



  • पृथ्वी के वातावरण में कुछ गैसें सूर्य की ऊष्मा को रोककर धरातल को गर्म बनाए रखती हैं।
  • यह प्राकृतिक प्रक्रिया है, परन्तु इसकी अधिकता वैश्विक तापन (Global Warming) को जन्म देती है।




प्रमुख गैसें:



  • CO₂, CH₄, N₂O, CFCs।




प्रभाव:



  • ग्लेशियर पिघलना, समुद्र स्तर में वृद्धि।
  • मौसम चक्र में असंतुलन, जैव विविधता पर संकट।






46. TRIPS (व्यापार संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार) के उद्देश्य की व्याख्या कीजिए। इसकी दो मुख्य श्रेणियाँ क्या हैं? संक्षेप में समझाइए।




उद्देश्य:



  • बौद्धिक संपदा अधिकारों का वैश्विक संरक्षण सुनिश्चित करना।
  • नवाचार को प्रोत्साहन और व्यापार में एकरूपता लाना।




दो मुख्य श्रेणियाँ:



  1. पेटेंट (Patent): नई खोजों को विशेष अधिकार।
  2. कॉपीराइट और ट्रेडमार्क: रचनात्मक कार्यों और ब्रांड पहचान की रक्षा।






47. दक्षिण एशियाई देशों की पर्यावरण संबंधी चिंताओं को संक्षेप में समझाइए।




प्रमुख चिंताएँ:



  1. वायु और जल प्रदूषण: शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण।
  2. जलवायु परिवर्तन: हिमालयी ग्लेशियरों का पिघलना, चक्रवात।
  3. वनों की कटाई और जैव विविधता में गिरावट।
  4. कचरा प्रबंधन की समस्या।




समाधान प्रयास:



  • SAARC पर्यावरण सहयोग।
  • जलवायु लचीलापन हेतु क्षेत्रीय योजनाएँ।






48. ज्वालामुखी क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों को संक्षेप में समझाइए।




परिभाषा:



  • पृथ्वी की सतह से मैग्मा, गैस, राख और गर्म पदार्थ का विस्फोट ज्वालामुखी कहलाता है।




प्रकार:



  1. सक्रिय ज्वालामुखी (Active): समय-समय पर विस्फोट करते हैं (जैसे - इटली का एटना)।
  2. सुप्त ज्वालामुखी (Dormant): अभी शांत हैं, पर भविष्य में सक्रिय हो सकते हैं।
  3. निष्क्रिय ज्वालामुखी (Extinct): जिनमें अब विस्फोट की संभावना नहीं है।






49. चर्चा कीजिए कि भारत में “बीज आत्महत्याओं” का भूमंडलीकरण से क्या संबंध था।




भूमंडलीकरण का प्रभाव:



  • विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीटी (BT) बीजों का प्रसार।
  • किसानों को हर साल नया बीज खरीदना पड़ा – लागत बढ़ी।
  • बीज असफल होने पर कर्ज, फसल हानि और आत्महत्या।




निष्कर्ष:



  • भूमंडलीकरण ने बीजों के निजीकरण को बढ़ावा दिया, जिससे किसानों की आत्मनिर्भरता घटी और आत्महत्याएँ बढ़ीं।






50. विषैला अवशिष्ट क्या है? उदाहरण दीजिए। विषैला या खतरनाक अवशिष्ट से संबंधित एक सम्मेलन का उल्लेख कीजिए। ऐसे अवशिष्ट का निपटान कैसे किया जाता है?




परिभाषा:



  • ऐसे अपशिष्ट जिनमें हानिकारक रसायन होते हैं जो मानव, पशु और पर्यावरण को नुकसान पहुँचा सकते हैं।




उदाहरण:



  • बैटरियों का लेड, अस्पतालों का जैव चिकित्सा कचरा।




महत्वपूर्ण सम्मेलन:



  • बेसल सम्मेलन (Basel Convention, 1989):
    → खतरनाक कचरे के सीमा पार परिवहन और निपटान को नियंत्रित करता है।




निपटान के तरीके:



  • सुरक्षित लैंडफिल।
  • उच्च ताप पर दहन (Incineration)।
  • पुनर्चक्रण (Recycling)।


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