केंद्रीय बजट 2022- 23
केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 9.2% रहने का अनुमान है। देश की अर्थव्यवस्था महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से उभर कर जिस तरह से समग्र रूप से बड़ी तेजी के साथ रिकवर कर रही है वह हमारे देश की दमदार मजबूती को दर्शाती है।
बजट के मुख्य बिंदु
- 14 छात्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के तहत 60 लाख नए रोजगार ओं का सृजन होगा।
- पीएलआई योजना में 30 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है।
- आने वाले 25 साल में भारत @100 के अमृत काल में प्रवेश करते हुए बजट में चार प्राथमिकताओं में विकास पर जोर दिया जाएगा।
- पीएम गतिशक्ति
- समेकित विकास
- उत्पाद संवर्धन एवं निवेश, सनराइज अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्य
- निवेश को वित्तीय मदद
- पीएम गतिशक्ति:
पीएम गतिशक्ति को बढ़ावा देने के लिए 7 कारकों को चिन्हित किया गया है-
सड़क, रेल मार्ग, हवाई मार्ग, विमानपत्तन, माल परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक अवसंरचना।
सड़क परिवहन-
राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 2022 23 में 25000 किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा
रेल मार्ग-
- स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद की संकल्पना।
- इस वित्त वर्ष में देसी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और क्षमता वृद्धि के लिए कवच के तहत रेल मार्ग नेटवर्क में 2000 किलोमीटर जोड़ा जाएगा।
- अगले 3 साल के दौरान 400 वंदे भारत रेल गाड़ियों का निर्माण होगा।
- अगले 3 साल के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक के लिए 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क-
- चार स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए पीपीपी प्रारूप के जरिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी
पर्वतमाला-
- राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम, पर्वतमाला को भी पीपीपी प्रारूप में लाया जाएगा।
- 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।
समेकित विकास
कृषि:
- गेहूं और धान की खरीद के लिए किसानों को सीधा भुगतान।
- देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- गंगा नदी से सटे 5 किलोमीटर की चौड़ाई तक के गलियारे वाले किसानों की जमीनों पर ध्यान दिया जाएगा।
- नाबार्ड कृषि और ग्रामीण उद्योग से जुड़े स्टार्टअप्स को वित्तीय मदद के लिए मिश्रित पूंजी कोष की सुविधा देगा।
- फसलों के आकलन भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन का प्रयोग।
केन बेतवा परियोजना:
- केन बेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 1400 करोड़।
- केन बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर जमीनों को सिंचाई की सुविधा दी जाएगी।
एमएसएमई:
- उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस, और असीम पोर्टलों को आपस में जोड़ा जाएगा।
- 130 लाख एमएसएमई को इमरजेंसी क्रेडिट लिंक गारंटी योजना (ECLGS) के तहत अतिरिक्त कर्ज देने का प्रावधान।
- ECLGS को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा।
- ECLGS के तहत गारंटी कवर को 50000 करोड़ रुपए बढ़ाकर कुल 500000 करोड़ कर दिया जाएगा।
- रेजिंग एंड एसीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) प्रोग्राम 6000 करोड़ के परिवेश से शुरू किया जाएगा।
कौशल विकास:
- ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए नागरिकों की कुशलता को बढ़ाने के लिए डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लेबल हुड लॉन्च किया जाएगा।
- पीएम विद्या के कक्षा एक की भी चैनल कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों पर दिखाया जाएगा।
- डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाली e-content विकसित किया जाएगा।
- व्यक्तिगत तौर पर पढ़ाई करने के लिए विश्वस्तरीय शिक्षा के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
स्वास्थ्य (Health):
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए खुला मंच शुरू किया जाएगा।
- राष्ट्रीय तेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- 30 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
सक्षम आंगनबाड़ी:
- मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 के जरिए महिलाओं और बच्चों को एकीकृत लाभ प्रदान किया जाएगा।
- 200000 आंगनबाड़ियों को सक्षम आंगनबाड़ियों में उन्नयन।
हर घर, नल से जल:
- हर घर नल से जल के तहत 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए 60000 करोड रुपए आवंटित किए गए।
आवास:
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 8000000 घरों को पूरा करने के लिए 48000 करोड रुपए आवंटित किए गए।
जीवंत ग्राम कार्ययोजना:
- उत्तर सीमा पर कम आबादी सीमित संपर्क और बुनियादी ढांचे ना होने वाले सीमावर्ती गांवों के लिए विकास के लिए जीवंत ग्राम कार्यक्रम।
बैंकिंग:
- सभी 1.5 लाख डाकघरों को मुख्य बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया जाएगा।
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां स्थापित करेंगे।
ई पासपोर्ट:
- एंबेडेड चिप और भाभी प्रौद्योगिकी वाले e-passport शुरू किए जाएंगे।
शहरी नियोजन:
- शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए वह बैटरी अदला-बदली के लिए नीति लाई जाएगी।
- भवन उप नियमों शहरी नियोजन योजना, पारगमन उन मुखी विकास का आधुनिकीकरण लागू किया जाएगा।
भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन:
- भूमि रिकॉर्ड के लिए आईटी आधारित प्रबंधन विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या।
त्वरित कारपोरेट बहिर्गमन:
- कंपनियों को तेजी से बंद करने के लिए सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सीलरेटेड कारपोरेट एग्जिट (C-PAC) स्थापित किए जाएंगे।
दूरसंचार क्षेत्र:
- 5G के लिए मजबूत इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए डिजाइन जनहित विनिर्माण के लिए योजना।
रक्षा में आत्मनिर्भरता:
- घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित पूंजीगत खरीदारी बजट का 68% निर्धारित किया गया जो 2021 में 58% के मुकाबले अधिक है
- 25% रक्षा अनुसंधान विकास बजट के लिए 7 उद्योग स्टार्टअप्स और शिक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान विकास खोला जाएगा।
- जांच और प्रमाणीकरण जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र नोडल अंब्रेला निकाय स्थापित किया जाएगा।
सनराइज अवसर:
- AI, भू स्थानिक प्रणालियों और ड्रोन, सेमीकंडक्टर और इसके इकोसिस्टम अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था जिनोमिक्स और फार्मास्युटिकल्स हरित ऊर्जा और स्वच्छ गतिशीलता प्रणालियों जैसे सनराइज अवसरों में अनुसंधान और विकास के लिए सरकारी योगदान उपलब्ध कराया जाएगा।
ऊर्जा पारगमन और जलवायु कार्यवाही:
- सौर्य विद्युत से 2030 तक 280 मेगावाट लक्ष्य हासिल करने के लिए उच्च दक्षता के शौर्य मॉड्यूलर के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 19500 करोड रुपए का अतिरिक्त आवंटन।
- ताप विद्युत संयंत्रों में 5 से 7% बायोमास पेलेट्स फायर किए जाएंगे।
- वार्षिक रूप से 38 एमएम ट कार्बन डाइऑक्साइड की बचत।
- खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए मदद।
कोयला गैसीकरण करने तथा उद्योग के लिए कोयले को रसायनों में परिवर्तित करने के लिए चार पायलट परियोजनाओं की स्थापना की जाएगा।
कृषि वानिकी अपनाने वाले अनुसूचित जाति और जनजातियों से संबंधित किसानों को वित्तीय सहायता।
सार्वजनिक पूंजीगत निवेश:
- 22-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ावा देने केे लिए सार्वजनिक निवेश को जारी रखा जाएगा।
- पूंजीगत व्यय के लिए परिव्यय 35.4 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मौजूदा वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था।
- वर्ष 2022-23 में परिव्यय सकल घरेलू उत्पाद का 2.9 प्रतिशत रहेगा।
- केन्द्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्यय 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत है।
जीआईएफटी-आईएफएससी:
- जीआईएफटी शहर में विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को अनुमति दी जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय अधिकांश क्षेत्र के तहत विवादों के समय पर निपटान के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
संसाधनों को जुटाना:
- डेटा केन्द्रों और ऊर्जा भंडार प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया जाएगा।
- उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी ने पिछले साल 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया और एक सबसे बड़े स्टार्टअप और विकास इको-सिस्टम में सुविधा प्रदान की। इस निवेश को बढ़ाने के लिए उपाय किये जा रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूपए की शुरूआत 2022-23 में की।
राज्यों को वृहद राजकोषीय स्पेस उपलब्ध कराना
पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना के लिए अधिक परिव्यय :
- यह परिव्यय बजट अनुमानों में 10 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्तमान वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में 15 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया।
अर्थव्यवस्था में समग्र प्रोत्साहन के लिए राज्यों को सहायता के लिए वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन, 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना, जो सामान्य ऋण के अतिरिक्त है।
2022-23 में राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत का वित्तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा।
राजकोषीय प्रबंधन:
बजट अनुमान 2021-22 : 34.83 लाख करोड़ रुपये
संशोधित अनुमान 2021-22 : 37.70 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 2022-23 में कुल अनुमानित व्यय : 39.45 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 2022-23 में उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां : 22.84 लाख करोड़ रुपये
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (बजट अनुमानों में 6.8 प्रतिशत की तुलना में)
वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित।
प्रत्यक्ष कर
स्थिर एवं संभावित कर व्यवस्था संबंधी नीति को आगे बढ़ाया जाएगा :
- विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने का दृष्टिकोण।
- कर प्रणाली को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना।
नई ‘अद्यतनीकृत विवरणी’ का चलन शुरू करना:
- अतिरिक्त कर की अदायगी करके अद्यतन विवरणी दाखिल करने के लिए नया प्रावधान।
- करदाता को आय के आकलन में की गई गलतियों को सुधार कर अद्यतन विवरणी दाखिल करने का अवसर मिलेगा।
- अद्यतन विवरणी संबंधित आकलन वर्ष के अंत से दो वर्षों के भीतर दाखिल की जा सकती है।
सहकारी समितियां:
- सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर भुगतान को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
- सहकारी समितियों और कंपनियों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।
- उन सहकारी समितियों के लिए अधिभार की मौजूदा दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक है।
दिव्यांगजनों को कर राहत:
- दिव्यांग आश्रितों को उनके माता-पिता/अभिभावकों के जीवनकाल के दौरान यानी माता-पिता/अभिभावकों के साठ वर्ष की आयु प्राप्त करने पर भी बीमा योजनाओं से वार्षिकी और एकमुश्त राशि की अदायगी की अनुमति।
राष्ट्रीय पेंशन योजना के योगदान में समानता:
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन:
- कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए पात्र स्टार्टअप के निगमन की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31.03.2023 तक करने का प्रस्ताव।
- पहले निगमन की अवधि 31.03.2022 तक वैध।
वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए योजना:
- वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई।
- किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर की दर 30 प्रतिशत होगी।
- इस प्रकार की आय की गणना करते समय अधिग्रहण लागत को छोड़कर के किसी भी खर्च अथवा भत्ते के लिए कटौती नहीं होगी।
- वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से हुए नुकसान की भरपाई किसी अन्य आय से नहीं की जा सकती।
- लेन-देन के विवरण के लिए वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर एक निश्चित मौद्रिक सीमा से ऊपर की रकम के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस देय होगा।
- वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के उपहार पर भी प्राप्तकर्ता के यहाँ कर देय होगा।
टीडीएस प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाना:
- कारोबार को बढ़ावा देने की रणनीति के तहत हित लाभ एजेंटों के हाथों में कर योग्य होते है, इसलिए लाभ एजेंटों तक अग्रसारित किया जाएगा।
- हित लाभ देने वाले व्यक्ति द्वारा कर कटौती के लिए उपबंध करने का प्रस्ताव होगा, बशर्ते वित्त वर्ष के दौरान ऐसे हितलाभों का कुल मूल्य 20,000 रुपये से अधिक न हो।
अप्रत्यक्ष कर
जीएसटी में असाधारण प्रगति:
- वैश्विक महामारी के बावजूद जीएसटी राजस्व में उछाल है। इस बढ़ोतरी के लिए करदाता सराहना के पात्र है।
विशेष आर्थिक क्षेत्र
- एसईजेड का सीमा शुल्क प्रशासन पूरी तरह आईटी से संचालित होगा और कस्टम्स नेशनल पोर्टल पर कार्य करेगा, जिसे 30 सितंबर, 2022 से क्रियान्वित किया जाएगा।
सीमा शुल्क सुधार एवं शुल्क दर में बदलाव
- फेसलेस सीमा शुल्क पूरी तरह स्थापित कर दिया गया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सीमा शुल्क संगठनों ने चपलता और संकल्प प्रदर्शित करते हुए सभी मुश्किलों के प्रति असाधारण फ्रंट लाइन कार्य किया है।
परियोजनागत आयात एवं पूंजीगत वस्तुएं
- पूंजीगत वस्तुओं और परियोजनागत आयातों में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने और 7.5 प्रतिशत असाधारण शुल्क लगाने का प्रस्ताव। इससे घरेलू क्षेत्र और ‘मेक इन इंडिया’ के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- उन उन्नत मशीनरियों के लिए कतिपय छूट बनी रहेंगी, जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है।
- विशेषीकृत कॉस्टिंग्स, बॉल स्क्रू और लीनियर मोशन गाइड पर कुछेक छूट देने का चलन शुरू किया जा रहा है ताकि पूंजीगत वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके।
सीमा शुल्क छूट एवं शुल्क सरलीकरण की समीक्षा
- 350 से अधिक प्रस्तावित छूट प्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्ताव है। इनमें कई कृषि उत्पाद, रसायन, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण और दवाएं शामिल हैं जिनके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता मौजूद है।
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