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KVS/NVS General Knowledge Notes PDF

KVS NVS GS Notes in Hindi | Free PDF 📘 KVS / NVS GS Notes (General Studies) ये नोट्स खास तौर पर KVS, NVS, EMRS, DSSSB जैसी शिक्षक परीक्षाओं के लिए बनाए गए हैं। 🏛️ इतिहास (History) सिंधु घाटी सभ्यता – हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा वैदिक काल – ऋग्वैदिक व उत्तरवैदिक मौर्य साम्राज्य – अशोक के शिलालेख गुप्त काल – स्वर्ण युग 1857 का विद्रोह – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 🌍 भूगोल (Geography) भारत की भौतिक संरचना – हिमालय, मैदान, पठार नदियाँ – गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु जलवायु – मानसून प्रणाली मृदा के प्रकार – जलोढ़, काली, लाल भारत के राष्ट्रीय उद्यान ⚖️ भारतीय संविधान (Polity) संविधान लागू – 26 जनवरी 1950 मौलिक अधिकार – 6 राज्य के नीति निर्देशक तत्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद संवैधानिक निकाय – UPSC, CAG 💰 अर्थव्यवस्था (Economy) GDP और GNP मुद्रास्फीति (Inflation) बजट के प्रकार नीति आयोग पंचवर्षीय योजनाएँ 🔬 सामान्य विज्ञान (Science) कोशिका – जीव की मूल इकाई मानव रक्त समूह बल और गति के नियम पर्यावरण और पारिस्थितिकी...

EMRS Hindi Samas Notes ( समास नोट्स)

 नीचे समास (Samas) का अत्यंत विस्तृत, स्पष्ट, परीक्षा-उपयोगी नोट्स दिए जा रहे हैं। इसमें परिभाषा, प्रकार, सूत्र, पहचान, 20-20 उदाहरण सब शामिल हैं।



समास – विस्तृत नोट्स (Hindi Grammar)




1. समास की परिभाषा



जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर अपना कुछ अथवा पूरा स्वतंत्र रूप खो देते हैं और एक नया अर्थ प्रकट करते हैं, तो उसे समास कहते हैं।

➡️ समास = सं + आस (निकट आना / संक्षिप्त होना)

अर्थात् शब्दों का संक्षेप और अर्थ का विस्तार।


उदाहरण:


  • राजा + पुर = राजपुर
  • राम + लक्ष्मण = रामलक्ष्मण
  • दिन + रात = दिनरात






समास के भेद (मुख्य तौर पर 6)



  1. अव्ययीभाव समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. कर्मधारय समास
  4. द्वंद्व समास
  5. बहुव्रीहि समास
  6. द्विगु समास






1. अव्ययीभाव समास




परिभाषा:



जब समास का योगफल (संपूर्ण समास) अव्यय की तरह व्यवहार करे और प्रधानता पहले पद की हो, तो अव्ययीभाव समास कहलाता है।



सूत्र:



अव्यय + पद = अव्ययीभाव समास



पहचान:



  • वाक्य में यह हमेशा अव्यय (क्रिया-विशेषण) की तरह प्रयुक्त होता है।
  • अधिकांश रचनाएँ उपरि, अधः, प्रति, यथाविधि, यथाशक्ति, बिना, सपरिवार जैसी होती हैं।




20 उदाहरण:



  1. यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार)
  2. यथासमय (समय के अनुसार)
  3. बिना नागा = बिना किसी नागे के
  4. अकस्मात् = अचानक
  5. उपर्युक्त = ऊपर कही गई
  6. अधोलिखित = नीचे लिखा
  7. प्रतिदिन = रोज
  8. प्रति सप्ताह
  9. सदैव (सदा + एव)
  10. सहर्ष (हर्ष के साथ)
  11. सशुल्क (शुल्क सहित)
  12. ससम्मान
  13. संग्रह (सम् + गृह)
  14. परस्पर (एक-दूसरे के प्रति)
  15. अन्यथा (अन्य + था)
  16. यथामति
  17. यथास्थान
  18. पुनःपुनः
  19. सर्वत्र
  20. हरदम






2. तत्पुरुष समास




परिभाषा:



जिस समास में दूसरा पद प्रधान हो और प्रथम पद उसका कारक हो, वह तत्पुरुष समास होता है।



सूत्र:



(कारक-सम्बन्ध) + पद = तत्पुरुष



प्रकार:



1.षष्ठी तत्पुरुष

2.द्वितीया

3.तृतीया

4.चतुर्थी

5.पञ्चमी

6.सप्तमी

7.अल्पविभक्ति

8.सम्प्रदान

9.अपादान

10.करण



⭐ 

1. तत्पुरुष समास के भेद (Types of Tatpurush Samas)



तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है और प्रथम पद उसका कारक होता है।



कुल मुख्य भेद — 

8






1. षष्ठी तत्पुरुष



विग्रह: ‘का/की/के’

उदाहरण:


  • रामकथा = राम की कथा
  • ग्रामवासी = गाँव का वासी






2. द्वितीया तत्पुरुष



विग्रह: जिसे या जिसे (कर्म)

उदाहरण:


  • जलपान = जल का पान करना
  • फलभक्षण = फल का भक्षण करना






3. तृतीया तत्पुरुष



विग्रह: ‘से’

उदाहरण:


  • मुष्टियुद्ध = मुट्ठी से युद्ध
  • करकंप = हाथ से कम्पन






4. चतुर्थी तत्पुरुष



विग्रह: ‘के लिए’ / ‘के हेतु’

उदाहरण:


  • विद्याप्राप्ति = विद्या के लिए प्राप्ति
  • धनार्थी = धन के लिए इच्छुक






5. पंचमी तत्पुरुष



विग्रह: ‘से’, ‘के कारण’, ‘के बाद’

उदाहरण:


  • ग्राम्य = गाँव से सम्बन्धित
  • राज्ञःभीतः = राजा से भयभीत






6. सप्तमी तत्पुरुष



विग्रह: ‘में’

उदाहरण:


  • नगरवासी = नगर में वास करने वाला
  • गृहनिवासी = घर में रहने वाला






7. अल्पविभक्ति तत्पुरुष



कारक चिह्न छिपा रहता है (स्पष्ट नहीं)।

उदाहरण:


  • जलयान = जल में चलने वाला यान
  • पर्वतारोहण = पर्वत पर आरोहण






8. उपपद तत्पुरुष



जहाँ पहला पद उपसर्ग-सदृश हो।

उदाहरण:


  • दुर्गंध = दुर्गंधित (बुरी गंध)
  • निःशुल्क = बिना शुल्क का


पहचान:



  • विग्रह करने पर कारक चिह्न मिलता है।
    जैसे — राम का घर → राम + घर = रामघर




20 उदाहरण:



  1. ग्रामवासी (ग्राम का वासी)
  2. देवभक्ति (देव की भक्ति)
  3. जलपान (जल का पान)
  4. मार्गदर्शन (मार्ग का दर्शन)
  5. कार्यकर्ता (कार्य करने वाला)
  6. मातृभक्ति
  7. देशप्रेम
  8. धनलोलुप
  9. फलाहार (फल का आहार)
  10. नयनसुख
  11. जलयान (जल में चलने वाला यान)
  12. पर्वतारोहण
  13. सूर्यकिरण
  14. कर्तव्यपालन
  15. गृहप्रवेश
  16. राजकुमार
  17. जलजीवन
  18. नदीतट
  19. मृगतृष्णा
  20. धर्मपालन






3. कर्मधारय समास




परिभाषा:



जिस समास में दोनों पद एक-दूसरे का विशेषण और विशेष्य हों और दूसरा पद प्रधान हो, वह कर्मधारय समास है।



सूत्र:



विशेषण + विशेष्य = कर्मधारय



पहचान:



  • अर्थ करता है ‘कैसा?’ (गुण)
  • जैसे: नीली साड़ी → नीलसाड़ी



⭐ 

2. कर्मधारय समास के भेद (Types of Karmadharaya Samas)



कर्मधारय में विशेषण + विशेष्य का संबंध होता है।


कुल प्रमुख भेद — 3





1. गुणवाची कर्मधारय



पहला पद गुण (विशेषण) होता है।

उदाहरण:


  • नीलकमल = नील (नीला) + कमल
  • सुन्दरकाया = सुन्दर + काया






2. उपमान कर्मधारय



पहला पद उपमान/उपमेय होता है।

उदाहरण:


  • सिंहबल = सिंह जैसा बल
  • पर्वतनुमा = पर्वत जैसा स्वरूप






3. जातिवाचक (वर्गवाचक) कर्मधारय



पहला पद जाति, वर्ग या प्रकार बताए।

उदाहरण:


  • मानवसमाज = मानवों का समाज
  • विद्यार्थीजीवन = विद्यार्थी का जीवन



20 उदाहरण:



  1. नीलकमल
  2. मधुरवचन
  3. सुन्दरकाया
  4. महापुरुष
  5. चतुरलड़का
  6. कालीमिर्च
  7. सफेदकपड़ा
  8. छोटाघर
  9. लंबीरात
  10. भारीवर्षा
  11. उज्ज्वलभविष्य
  12. मृतशरीर
  13. मधुरगान
  14. तेजधार
  15. कोमलहृदय
  16. तेजपवन
  17. दीनदशा
  18. स्वच्छमन
  19. कठोरवचन
  20. विशालनगर






4. द्वंद्व समास




परिभाषा:



जब समास में जुड़े हुए दोनों पद समान (समत्व) होते हैं और दोनों ही प्रधान होते हैं, तो द्वंद्व समास कहलाता है।



सूत्र:



पद + पद = द्वंद्व (दोनों समान)



पहचान:



  • विग्रह: A और B
  • कई बार अंत में भ्यः या गण आता है (पितामह = पिता + मह = दोनों देवता)



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3. द्वंद्व समास के भेद (Types of Dvandva Samas)



द्वंद्व समास में दोनों पद समान और समानार्थी होते हैं — A और B दोनों प्रधान।



कुल 2 मुख्य भेद






1. इतरेतर द्वंद्व



जहाँ दोनों पदों का योग अलग-अलग हो (A और B)।

उदाहरण:


  • रामलक्ष्मण = राम और लक्ष्मण
  • रोटी-दाल = रोटी और दाल
  • सुख-दुःख = सुख और दुःख






2. समाहार द्वंद्व



जहाँ दोनों का योग एक समूह बनाए।

उदाहरण:


  • दिनरात = लगातार समय (दिन और रात का समूह)
  • पेड़पौधे = पेड़ और पौधों का समूह
  • फलफूल = फल और फूल मिलकर समूह




20 उदाहरण:



  1. रामलक्ष्मण
  2. सीताराम
  3. सूर्यमास
  4. रातदिन
  5. हाथपाँव
  6. रोटी-दाल
  7. घर-बाहर
  8. सुख-दुःख
  9. जीत-हार
  10. माता-पिता
  11. गुरू-शिष्य
  12. हाथ-मुँह
  13. आग-पानी
  14. दिन-रात
  15. काला-सफेद
  16. नर-नारी
  17. भाई-बहन
  18. राजा-प्रजा
  19. फल-फूल
  20. पेड़-पौधे






5. बहुव्रीहि समास




परिभाषा:



जिस समास में बने शब्द का अर्थ न तो प्रथम पद से मिलता है न ही दूसरे से, बल्कि तीसरा व नया अर्थ मिलता है, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है।



सूत्र:



A + B = C (तीसरा अर्थ)



पहचान:



  • विग्रह: जिसका… वह
  • यह हमेशा विशेषण का काम करता है।




20 उदाहरण:



  1. पीताम्बर = जिसका अम्बर पीला है
  2. नीलकंठ = जिसका कंठ नीला है
  3. चतुर्भुज = जिसके चार भुजाएँ हैं
  4. त्रिलोचन = जिसकी तीन आँखें हैं
  5. दुर्दशा = जिसकी दशा बुरी हो
  6. महादेवलोक
  7. दुष्टचित्त
  8. श्वेतपाद
  9. कृष्णवर्ण
  10. पंचमुखी
  11. शुभचिंतक (जो शुभ सोच रखता है)
  12. सुशील (जो शील वाला है)
  13. कुटिलवाणी
  14. कुपुत्र
  15. दुर्बल (जिसकी शक्ति कम हो)
  16. बहुमूल्य
  17. अल्पबुद्धि
  18. महाशक्तिमान
  19. दुराचार
  20. चिरंजीव






6. द्विगु समास




परिभाषा:



जब समस्त पदों में कोई संख्या सूचक शब्द हो और दूसरा पद विशेष्य हो, तो द्विगु समास कहलाता है।



सूत्र:



संख्या + पद = द्विगु



पहचान:



  • संख्या + संज्ञा
  • कभी-कभी बहुव्रीहि जैसा व्यवहार।




20 उदाहरण:



  1. पंचशील
  2. त्रिमूर्ति
  3. सप्तऋषि
  4. अष्टांग
  5. द्वारिका (द्वार + का)
  6. त्रिशूल
  7. पंचांग
  8. त्रिलोक
  9. द्विपाद
  10. त्रिभुवन
  11. द्विचक्र
  12. सप्तसागर
  13. नवदुर्गा
  14. चतुर्वेद
  15. द्विवेदी
  16. त्रिपाठी
  17. सप्तलोक
  18. द्विरुक्ति
  19. त्रिकाल
  20. पंचवटी






विशेष बात (Exam टिप्स)



  • बहुव्रीहि = तीसरा नया अर्थ
  • अव्ययीभाव = अव्यय जैसा प्रयोग
  • तत्पुरुष = दूसरा पद प्रधान
  • कर्मधारय = विशेषण + विशेष्य
  • द्वंद्व = A और B
  • द्विगु = संख्या वाला समास




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