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KVS/NVS General Knowledge Notes PDF

KVS NVS GS Notes in Hindi | Free PDF 📘 KVS / NVS GS Notes (General Studies) ये नोट्स खास तौर पर KVS, NVS, EMRS, DSSSB जैसी शिक्षक परीक्षाओं के लिए बनाए गए हैं। 🏛️ इतिहास (History) सिंधु घाटी सभ्यता – हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा वैदिक काल – ऋग्वैदिक व उत्तरवैदिक मौर्य साम्राज्य – अशोक के शिलालेख गुप्त काल – स्वर्ण युग 1857 का विद्रोह – प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 🌍 भूगोल (Geography) भारत की भौतिक संरचना – हिमालय, मैदान, पठार नदियाँ – गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु जलवायु – मानसून प्रणाली मृदा के प्रकार – जलोढ़, काली, लाल भारत के राष्ट्रीय उद्यान ⚖️ भारतीय संविधान (Polity) संविधान लागू – 26 जनवरी 1950 मौलिक अधिकार – 6 राज्य के नीति निर्देशक तत्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद संवैधानिक निकाय – UPSC, CAG 💰 अर्थव्यवस्था (Economy) GDP और GNP मुद्रास्फीति (Inflation) बजट के प्रकार नीति आयोग पंचवर्षीय योजनाएँ 🔬 सामान्य विज्ञान (Science) कोशिका – जीव की मूल इकाई मानव रक्त समूह बल और गति के नियम पर्यावरण और पारिस्थितिकी...

UPSC Mains Writing Skill

 नमस्ते,


यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में हिंदी साहित्य (वैकल्पिक विषय) या हिंदी भाषा की सामान्य पेपर में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए लेखन शैली बहुत महत्वपूर्ण होती है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हिंदी में प्रस्तुत हैं:


Skill Of UPSC Mains Writing



यूपीएससी हिंदी मेन्स परीक्षा: लेखन शैली एवं ध्यान देने योग्य बातें


यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में हिंदी का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों के लिए न केवल ज्ञान, बल्कि अभिव्यक्ति की दक्षता भी अत्यंत आवश्यक है। सफलता पाने के लिए आपकी लेखन शैली में निम्नलिखित गुण होने चाहिए:


1. स्पष्टता और सरलता (Clarity and Simplicity)


· भाषा सहज एवं बोधगम्य हो: जटिल और दुरूह शब्दों के प्रयोग से बचें। भावों की स्पष्ट अभिव्यक्ति सर्वोपरि है।

· वाक्य छोटे और प्रभावी हों: लंबे-लंबे वाक्यों से बचकर, सीधे और तार्किक ढंग से अपनी बात रखें।


2. तार्किक एवं विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण (Logical and Analytical Approach)


· विषय का विश्लेषण करें: किसी भी प्रश्न का उत्तर देते समय उसके विभिन्न पहलुओं (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, ऐतिहासिक) को तार्किक क्रम में प्रस्तुत करें।

· तर्क और उदाहरण दें: अपने मत की पुष्टि के लिए ठोस तर्क, आँकड़े (यदि उपलब्ध हों) और प्रासंगिक उदाहरण देना आवश्यक है।


3. व्याकरणिक शुद्धता (Grammatical Accuracy)


· व्याकरण पर पूरा ध्यान दें: वर्तनी (Spelling), विराम चिह्न (Punctuation), कारक चिह्न, क्रिया-विशेषण आदि का सही प्रयोग अनिवार्य है। त्रुटियाँ अंक काटने का कारण बनती हैं।

· उचित शब्दावली का प्रयोग: साहित्यिक, प्रशासनिक और सामयिक विषयों के लिए उचित शब्द भंडार होना चाहिए।


4. संरचना एवं प्रस्तुतीकरण (Structure and Presentation)


· उत्तर को उप-शीर्षकों में बाँटें: परिचय, मुख्य विषय-वस्तु (तर्कों सहित) और निष्कर्ष की स्पष्ट संरचना बनाएँ।

· परिचय आकर्षक हो: प्रश्न के मूल भाव को समझते हुए एक संक्षिप्त और प्रभावशाली परिचय लिखें।

· निष्कर्ष संतुलित और दिशानिर्देशक हो: अपने समस्त विश्लेषण को समेटते हुए एक सारगर्भित, भविष्योन्मुखी और तार्किक निष्कर्ष प्रस्तुत करें।


5. मौलिकता एवं मितव्ययिता (Originality and Conciseness)


· रटंत प्रणाली से बचें: विचारों की मौलिकता और आपका नजरिया परीक्षक को प्रभावित करता है।

· अनावश्यक विस्तार न करें: निर्धारित शब्द-सीमा का पालन करें। बिंदुवार और स्पष्ट लेखन में ही सफलता है।


6. साहित्यिक गुणवत्ता (Literary Quality) - विशेषकर हिंदी साहित्य के लिए


· मूल पाठ का ज्ञान: साहित्यिक रचनाओं के मूल पाठ, उद्धरण और उनकी सटीक व्याख्या पर जोर दें।

· आलोचनात्मक दृष्टि: लेखक की शैली, विचारधारा, सामाजिक संदर्भ आदि पर आलोचनात्मक टिप्पणी करने की क्षमता होनी चाहिए।


7. समय प्रबंधन (Time Management)


· पूर्वाभ्यास अत्यावश्यक है: नियत समय में उत्तर लिखने का अभ्यास करें। इससे गति और सटीकता दोनों आती है।

· प्रश्नों का चयन बुद्धिमानी से करें: जिस प्रश्न में आप सबसे अधिक जानते हैं, उसे पहले हल करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।


परीक्षा देते समय ध्यान रखने योग्य कुछ अतिरिक्त बातें:


1. प्रश्न को ध्यान से पढ़ें: प्रश्न के सभी भागों (जैसे 'विश्लेषण करें', 'टिप्पणी करें', 'तुलना करें') को समझकर ही उत्तर लिखना प्रारंभ करें।

2. रफ कार्य जरूर करें: उत्तर लिखने से पहले मुख्य बिंदुओं को रफ में लिख लें। इससे उत्तर की संरचना सुधरती है और कोई महत्वपूर्ण तथ्य छूटने नहीं पाता।

3. हस्तलेख सुपाठ्य हो: साफ और स्पष्ट लेखन परीक्षक पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

4. मानक हिंदी का प्रयोग: क्षेत्रीय शब्दों या बोलचाल की भाषा के स्थान पर शुद्ध और मानक हिंदी का ही प्रयोग करें।


निष्कर्ष:

यूपीएससी में हिंदी माध्यम की सफलता का आधार विषय की गहन समझ, तार्किक अभिव्यक्ति और निर्धारित मानदंडों के अनुरूप लेखन है। निरंतर अभ्यास, आलोचनात्मक पठन और समय प्रबंधन से आप इस कला में महारत हासिल कर सकते हैं।


शुभकामनाएँ!

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